केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI) ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत (Agrasen Gehlot) के जोधपुर स्थित आवास पर छापेमारी की है। ये मामला फर्टिलाइजर स्कैम से जुड़ा हुआ है। अग्रसेन गहलोत पर आरोप है कि 2007-09 में यूपीए शासनकाल के दौरान उन्होंने सब्सिडी वाले फर्टिलाइजर का एक्सपोर्ट किया था।
CBI raids underway at the residence of Rajasthan CM Ashok Gehlot’s brother, Agrasen Gehlot in Jodhpur. pic.twitter.com/xwtkoK6bjn
— ANI (@ANI) June 17, 2022
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई की टीम गहलोत के भाई अग्रसेन के ठिकानों पर शुक्रवार (17 जून 2022) की सुबह पहुँची, उस समय वे घर पर ही थे। सीबीआई की टीम में 5 अधिकारी दिल्ली और 5 अधिकारी जोधपुर से हैं। इस मामले की जाँच ED में भी चल रही है। कस्टम विभाग ने अग्रसेन की कंपनी पर करीब 5.46 करोड़ रुपए की पेनाल्टी भी लगाई थी।
क्या है मामला
वर्ष 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फर्टिलाइजर घोटाले में अशोक गहलोत के भाई के ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान राजस्थान में छह स्थानों पर छापे मारे गए थे। जिनमें जोधपुर भी शामिल था। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में दो स्थान, गुजरात में चार और दिल्ली में एक जगह छापा मारा गया था।
ईडी के अफसरों के मुताबिक, अग्रसेन गहलोत की कंपनी अनुपम कृषि, म्यूरियेट ऑफ पोटाश (एमओपी) फर्टिलाइजर के एक्सपोर्ट पर बैन होने के बावजूद उसके निर्यात में शामिल थी। एमओपी को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) इम्पोर्ट कर किसानों को सब्सिडी पर बेचती है।
अग्रसेन गहलोत IPL के ऑथराइज्ड डीलर थे। उनकी कंपनी ने 2007 से 2009 के बीच सब्सिडाइज रेट पर एमओपी खरीदा, लेकिन उसे किसानों को बेचने की बजाए दूसरी कंपनियों को बेच दिया। उन कंपनियों ने एमओपी को इंडस्ट्रियल सॉल्ट के नाम पर मलेशिया और सिंगापुर पहुँचा दिया।
इस घोटाले के बाद भाजपा ने ऑपइंडिया की ख़बर का हवाला देते हुए कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा था। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि जहाँ एक तरफ कॉन्ग्रेस किसानों की बातें करती फिरती है, वहीं दूसरी तरफ उसके नेता किसानों की सब्सिडी खा जाते हैं। उन्होंने इसे सब्सिडी की चोरी करार दिया था। उन्होंने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की भी आशंका जताई थी।