ममता बनर्जी ने केंद्रीय सुरक्षा बलों पर मतदाताओं से भाजपा को जबरन वोट दिलाने का आरोप लगाया है। ममता ने कहा कि चुनाव के दौरान पोलिंग बूथ पर तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में वोट डालने के लिए कह रहे हैं। ममता बनर्जी ने सीआरपीएफ व अन्य एजेंसियों पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग से इस बाबत शिकायत भी दर्ज कराई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, “आज मुझे ख़बर मिली है कि मालदा दक्षिण लोकसभा सीट के इंग्लिश बाजार में केंद्रीय बल के अधिकारी मतदान बूथ संख्या 166 और 167 में घुसे और उन्होंने मतदाताओं से भाजपा को वोट डालने के लिए कहा। उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। हमने उनके खिलाफ एक आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है।” बता दें कि बांग्लादेशी घुसपैठिए और एनआरसी का मुद्दा उठा भाजपा ने ममता को बंगाल में चहुँओर घेर रखा है।
उन्होंने साथ ही सवाल भी दागा कि वे ऐसा क्यों करेंगे? ममता ने पूछा कि क्या ऐसा करना उनका कर्त्तव्य है? ममता बनर्जी ने आरोपों की झड़ी लगाते हुए आगे कहा, “मतदान अधिकारी की अनुमति लिए बिना पुलिस मतदान बूथ के अंदर नहीं घुस सकती। हमें ईटाहार (बालुरघाट) से भी ऐसी ही खबर मिली है। वे कतारों में खड़े लोगों से भाजपा को वोट देने के लिए कह रहे हैं। मैं केंद्रीय बलों और राज्य पुलिस दोनों के प्रति प्रेम रखती हूँ, लेकिन उन्हें क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने तक ख़ुद को सीमित रखना चाहिए और मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।” सीएम ममता ने कहा कि वे सीआरपीएफ और राज्य पुलिस, दोनों से ही प्यार करती हैं।
ममता बनर्जी ने केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को धमाके हुए ये याद रखने की सलाह दी कि वर्तमान केंद्र सरकार हमेशा के लिए नहीं है और कल को वो भी सत्ता में आएँगी। ममता ने कहा कि केंद्रीय बल याद रखें कि उन्हें हमारे साथ भी काम करना पड़ेगा। ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में केंद्र सरकार के कहने पर चुनाव आयोग ने सुरक्षा बलों की इतनी बड़ी तादाद में तैनाती की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में इतनी संख्या में तैनाती नहीं की गई है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि बिहार, यूपी और असम में सुरक्षा बलों की कितनी कम्पनियाँ भेजी गई हैं? उन्होंने चुनाव आयोग को भी इसके लिए दोषी ठहराया।
पश्चिम बंगाल में मंगलवार (अप्रैल 23, 2019) को तीसरे चरण के चुनाव के दौरान मतदान हुए हिंसा की कई वारदातें सामने आईं। तीसरे चरण में 65% के क़रीब मतदान हुए। पश्चिम बंगाल की सीटों पर हुए मतदान में 79% मतदाताओं से अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राजनीतिक पंडित क़यास लगा रहे हैं कि इस बम्पर वोटिंग के क्या मायने हैं? मुर्शिदाबाद में तृणमूल और कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हुए हिंसक संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मालदा के कालिया चौक स्थित पोलिंग बूथ के नज़दीक बदमाशों ने क्रूड बम फेंके। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने भी तृणमूल राज में हो रही हिंसा की वारदातों को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है।