ओंगोल में एक रैली को सम्बोधित करने के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बिहार का अपमान किया। उन्होंने बिहार और बिहारियों के प्रति अपनी असंवेदनशीलता को दर्शाते हुए जदयू नेता व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को ‘बिहारी डकैत’ विशेषण से नवाज़ा। उन्होंने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव पर तेदेपा व कॉन्ग्रेस विधायकों को हथियाने का आरोप मढ़ा। तेदेपा (तेलूगु देशम पार्टी) सुप्रीमो ने कहा कि केसीआर आपराधिक राजनीति में उतर आए हैं और वह एक-एक कर तेदेपा व कॉन्ग्रेस विधायकों को अपने पाले में अपनी पार्टी में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं। जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर पर अपना गुस्सा निकालते हुए नायडू ने उन पर आंध्र प्रदेश में 7 लाख वोटरों का नाम कटवाने का आरोप लगाया।
Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu in Ongole: K Chandrashekar Rao is doing criminal politics. He is grabbing the MLAs of Congress and TDP. Bihari dacoit Prasant Kishore has removed lakhs of votes in Andhra Pradesh. (18.03.2019) pic.twitter.com/y04MP1u7v4
— ANI (@ANI) March 19, 2019
बता दें कि चुनावी प्रचार के लिए सेवा देने वाली प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक ने इन दिनों नायडू के खिलाफ खड़े वाईएसआर कॉन्ग्रेस के लिए प्रचार का जिम्मा थाम रखा है। प्रशांत किशोर ने इसे पुराना असाइनमेंट बताया है। वाईएसआर कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी फिलहाल आंध्र प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। उनके दिवंगत पिता राजशेखर रेड्डी आंध्र के लोकप्रिय मुख्यमंत्री थे। कॉन्ग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रेड्डी की एक हैलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। नायडू ने प्रशांत किशोर पर निशाना साधते हुए कहा:
“जाँच में यह भी पता चला है कि सारा खेल बिहार से रचा गया है और नाम कटवाने के लिए भेजे गए आवेदन बिहार से भेजे गए थे। टीडीपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से जुड़े कई डेटा प्रशांत किशोर ने चोरी छिपे हासिल किए और फिर उसको जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कॉन्ग्रेस को सौंप दिया है। राज्य सरकार के द्वारा गठित स्पेशल एसआईटी मामले की जाँच कर रही है और यह सारा खेल प्रशांत किशोर के दिमाग की उपज है। प्रशांत किशोर ने वाईएसआर को सेवाएँ मुहैया कराने के नाम पर काफी घृणित काम किया है।”
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर नायडू के इस बयान का जवाब दिया। जदयू उपाध्यक्ष ने कहा कि आसन्न पराजय को देख कर बड़े से बड़े नेता भी हिल उठते हैं। उन्होंने नायडू के बयानों को आधारहीन बताते हुए कहा कि उनके द्वारा इस तरह के अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करना बिहार के प्रति उनकी प्रतिकूल और द्वेषपूर्ण सोच को दर्शाता है। उन्होंने नायडू को इस बात पर ध्यान देने को कहा कि आंध्र के लोग उन्हें फिर से क्यों वोट करें?
An imminent defeat can rattle even the most seasoned politicians. So I’m not surprised with the baseless utterances of @ncbn
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 19, 2019
Sirji rather than using derogatory language that shows your prejudice & malice against Bihar, just focus on why people of AP should vote for you again. https://t.co/CYSJNRJ43W
विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर के पुराने रिकार्ड्स को देखते हुए चंद्रबाबू नायडू ने उन पर निशाना साधा है। किशोर इस से पहले नरेंद्र मोदी और बिहार लालू-नितीश महागठबंधन के लिए रणनीति तैयार कर चुके हैं। दोनों ही चुनावों में उन्हें सफलता मिली थी। हाँ, कॉन्ग्रेस के साथ उनका दाँव असफल रहा था। नायडू को आशंका है कि प्रशांत किशोर की मदद से जगन मोहन रेड्डी को फ़ायदा हो सकता है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के ऐन पहले चुनाव आयोग को 9,27,542 नामों को हटाने की गुजारिश की गई है। इसमें सबसे ज्यादा नाम वाईएसआर कॉन्ग्रेस की तरफ से फॉर्म 7 के जरिए हटाने की माँग की गई है। फॉर्म-7 का इस्तेमाल मतदाता अपना नाम या किसी अन्य का नाम मतदाता सूची से हटाने के आवेदन के लिए करते हैं। इसीलिए नायडू ख़फ़ा हैं।
आंध्रा प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं। जगन रेड्डी और भाजपा अभी तक एक दूसरे के प्रति सॉफ्ट रहे हैं और आंध्र में भाजपा की उपस्थिति नगण्य होने के कारण जगन के उद्भव से उसे फ़ायदा मिल सकता है। प्रदेश के विभाजन के कारण कॉन्ग्रेस से भी लोग ख़ुश नहीं हैं। जगन रेड्डी जहाँ आंध्र में सरकार बनाकर राष्ट्रीय राजनीतिक पटल पर नाम बनाने की जुगत में लगे हैं वहीं महागठबंधन के पीछे ताक़त लगाने वाले नायडू राष्ट्रीय राजनीति में प्रासंगिक बने रहने के लिए आगामी चुनाव में ज़ोर लगा रहे हैं।