छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल ही प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रतिपक्ष की भूमिका में उतर आए हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रदेश के अधिकारी मंत्री और विधायकों तक की बात नहीं सुन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अफसरों के खिलाफ वे मंगलवार (सितंबर 3, 2019) को बेमेतरा में सत्याग्रह करेंगे।
नंदकुमार बघेल ने शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह के विभाग में 20 हजार तबादलों के आवेदन लंबित हैं। अधिकारी ब्लैकमेलिंग के लिए मनमानी कर रहे हैं। बघेल ने ऐसे अधिकारियों से साफ तौर पर कहा है कि अगर वो स्थानांतरण नहीं कर सकते, तो उसे भी स्पष्ट बताएँ।
खुद को कॉन्ग्रेसी मानने तक से इनकार करते हुए बघेल ने कहा कि वे पिछड़ा वर्ग समाज के उत्थान के लिए प्रतिपक्ष की भूमिका में काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि, नंदकुमार बघेल अंबिकापुर के सर्किट हाउस में पिछड़ा वर्ग के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुँचे थे। यहाँ टॉयलेट इस्तेमाल करने के दौरान उनका पैर फिसल गया। सिर में उन्हें हल्की चोट भी आई।
उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों के अधिकारी किसी की नहीं सुन रहे हैं। इन अधिकारियों को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह आए थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री व टीएस सिंहदेव को चाहिए कि ऐसे अकड़बाज अधिकारियों को तत्काल बाहर निकालें।