Sunday, November 24, 2024
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‘पंडित तो 399 ही मरे, मुस्लिम 15,000 मारे गए’: केरल कॉन्ग्रेस के झूठ के बीच CM भूपेश बघेल सभी विधायकों के साथ आज रात देखेंगे ‘The Kashmir Files’

“आज विधानसभा के सभी सम्मानित सदस्यों (पक्ष-विपक्ष सहित) को एक साथ 'कश्मीर फ़ाइल्स' फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किया है। आज रात 8 बजे राजधानी के एक सिनेमा हॉल में हम सभी विधायक/आमंत्रित नागरिक एक साथ फिल्म देखेंगे।”

90 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बनी फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ रही है। आम आदमी से लेकर राजनेता भी इसे देखने जा रहे हैं। एक तरफ बीजेपी इस फिल्म का समर्थन कर रही है तो वहीं कॉन्ग्रेस इसे चुनावी प्रमोशन बता रही है। 

इसी बीच कॉन्ग्रेस शासित प्रदेश छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) भी इस फिल्म को देखने के लिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अपने सभी विधायकों और मंत्रियों से मूवी को देखने की अपील की है। इसके लिए पूरा सिनेमा हॉल बुक कर दिया है।

दरअसल, सीएम भूपेश बघेल बुधवार (16 मार्च 2022) को रात 8 बजे राजधानी रायपुर के मैग्नेटो मॉल के पीवीआर में ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने सिनेमा हॉल जाएँगे। उन्होंने अपने साथ विधानसभा के सभी सम्मानित सदस्यों (पक्ष-विपक्ष सहित) को आमंत्रित किया है। बघेल ने ट्वीट करते हुुए लिखा, “आज विधानसभा के सभी सम्मानित सदस्यों (पक्ष-विपक्ष सहित) को एक साथ ‘कश्मीर फ़ाइल्स’ फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किया है। आज रात 8 बजे राजधानी के एक सिनेमा हॉल में हम सभी विधायक/आमंत्रित नागरिक एक साथ फिल्म देखेंगे।”

एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा, “भाजपा के विधायकगणों ने माँग की है कि ‘कश्मीर फ़ाइल्स’ को टैक्स फ़्री कर दिया जाए। मैं माननीय प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि वे इस फ़िल्म से केंद्रीय जीएसटी हटाने की घोषणा करें। पूरे देश में फ़िल्म टैक्स फ़्री हो जाएगी।”

इसको लेकर सियासत का बाजार गर्म है। कॉन्ग्रेस के कई नेता जिस तरह से फिल्म को लेकर तरह-तरह के बयान दे रहे हैं, उस हिसाब से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का फिल्म को देखने जाना कई तरह के सवाल खड़े करता है।

केरल कॉन्ग्रेस ने किए कई विवादित ट्वीट

इसकी वजह है केरल कॉन्ग्रेस का फिल्म को लेकर ट्वीट करना। द कश्मीर फाइल्स की अपार सफलता के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी ने इस्लामी कट्टरपंथियों के बचाव में धड़ाधड़ ट्वीट करके ये साबित करने की कोशिश की कि 1990 में जो कुछ भी कश्मीर में हुआ उसके पीछे इस्लामी कट्टरपंथी नहीं बल्कि आरएसएस से जुड़े राज्यपाल जगमोहन और भाजपा जिम्मेदार थी। पार्टी ने ‘कश्मीर फाइल्स बनाम सच’ हैशटैग के साथ 9 ट्वीट किए और दावा किया कि जो वो बता रहे हैं वहीं कश्मीरी पंडितों के मामले के तथ्य हैं।

केरल कॉन्ग्रेस द्वारा किए गए ट्वीट में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को मुस्लिमों की हत्या से जोड़ा गया। पहले ट्वीट में कॉन्ग्रेस ने ये दिखाया है कि भले ही 1990 से 2007 के बीच आतंकियों ने 399 कश्मीरी पंडितों को मारा लेकिन इतने ही अंतराल में 15000 मुस्लिम भी आतंकियों द्वारा मारे गए।

अगले ट्वीट में कश्मीरी हिंदुओं के उस पलायन पर सफाई दी गई जिसमें लाखों कश्मीरी इसलिए घाटी से निकले थे क्योंकि रातों-रात मस्जिद से ऐलान हुए थे कि सभी कश्मीरी पंडित घाटी छोड़कर निकल जाएँ, वरना मारे जाएँगे। ऐसे दर्दनाक पलायन पर कॉन्ग्रेस ने सफाई दी कि वो सब तो आरएसएस से जुड़े तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन की वजह से हुआ था जबकि सच ये है कि जगमोहन को राज्यपाल की कुर्सी 19 जनवरी 1990 को मिली और वे 21 जनवरी 1990 को श्रीनगर पहुँचे थे। इस बीच घाटी में कट्टरपंथियों का आतंक शुरू हो गया था।

बैकफुट पर आई केरल कॉन्ग्रेस

इसी तरह से कई और विवादित ट्वीट किए गए। हालाँकि विवाद बढ़ने पर पार्टी ने उसे डिलीट कर दिया। वहीं बैकफुट पर आने के बाद केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता और कॉन्ग्रेस नेता वीडी सतीसन ने सोमवार (14 मार्च 2022) को कहा कि फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को लेकर किए गए ट्वीट के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

1990 के दशक में लाखों कश्मीरी पंडितों का विस्थापन

बताते चलें कि वर्ष 1990 में कश्मीर घाटी से रातोंरात लाखों कश्मीरी हिंदुओं को अपना घर-बार छोड़कर भागना पड़ा था। जिहादी आतंकियों की ओर से उन्हें दो विकल्प दिए गए थे। पहला विकल्प वे कश्मीर छोड़कर भाग जाएँ। दूसरा, इस्लाम धर्म कबूल कर लें। कश्मीरी हिंदुओं को धमकी दी गई थी कि दोनों में से कोई भी विकल्प न चुनने वालों को मार डाला जाएगा।

इस्लामी आतंकियों ने जमकर किया कत्लेआम

उनकी धमकी से डरकर कई परिवार कश्मीर (Kashmir) छोड़कर चले गए। जो वहाँ से निकलने को तैयार नहीं हुए, जिहादियों ने एक-एक करके उन्हें गोलियों से भूनना शुरू किया। कश्मीर की सड़कों पर हर रोज कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandit) की लाशें मिलने लगी। फिर एक शाम कश्मीर की तमाम मस्जिदों से कश्मीरी पंडितों के घाटी छोड़ने या मरने के लिए तैयार रहने की धमकी दी। इन धमकियों से डरे लाखों हिंदू परिवार, हर संभव साधनों के जरिए रातों-रात कश्मीर से निकल आए और अपने ही देश में हमेशा के लिए शरणार्थी बनकर रह गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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