छत्तीसगढ़ में धर्म परिवर्तन को लेकर सिसायत तेज हो गई है। राज्य में अब इस मुद्दे को लेकर भाजपा और कॉन्ग्रेस आमने-सामने है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भाजपा सरकार के कार्यकाल में सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन होने का आरोप लगाया था, जिसके बाद भाजपा की तरफ से जवाब आया है।
प्रदेश में इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने की जानकारी दी है। भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रदेश में धर्मांतरण के मामले में राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में कहा गया है, “राजधानी से दूर-दराज के इलाकों में धर्मांतरण गतिविधियों की सूचना दी जा रही थी और बघेल सरकार कार्रवाई करने के बजाय, उनमें शामिल लोगों की रक्षा कर रही थी।”
वहीं इस मामले पर बोलते हुए भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, “छत्तीसगढ़ में कई धर्मांतरण हो रहे हैं और उन्हें रोकने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।”
शनिवार (सितंबर 11, 2021) को भारी बरसात के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, कार्यकर्ताओं ने तरबतर होते हुए पैदल मार्च निकाला। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय की अगुवाई में भाजपा ने आजाद चौक स्थित महात्मा गाँधी की प्रतिमा से राजभवन तक पैदल मार्च निकाला।
इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष साय ने आरोप लगाया कि राज्य की कॉन्ग्रेस नीत सरकार आदिवासियों की संस्कृति दूषित करना चाह रही है। भोले-भाले आदिवासियों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों के खिलाफ शिकायत करने पर भी कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। इससे आदिवासियों और परिवर्तित आदिवासी में संघर्ष की स्थिति बन रही है। जो भविष्य में कभी भी विकराल रूप ले सकती है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि बस्तर से सरगुजा तक षड्यंत्र पूर्वक सरकार के संरक्षण में बलपूर्वक ईसाई मिशनरी धर्म परिवर्तन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी पराकाष्ठा दिखी जब थाने के अंदर मिशनरी कहते हैं कि धर्म परिवर्तन हम कर रहे हैं और करेंगे जिसमें हिम्मत हो रोक ले। मिशनरी संविधान का सम्मान न कर उसे जलाने की बात कह रहे हैं। यह साफ इंगित करता है कि उनके पीछे देश को अस्थिर करने वाली ताकतें काम कर रही है।’’
‘राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई के निर्देश दें राज्यपाल’
यह दावा करते हुए कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने वालों को परेशान किया जा रहा है, भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की माँग करते हुए कहा कि उन्हें राज्य सरकार को धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करने और ऐसी शिकायतों पर त्वरित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश देना चाहिए।
भाजपा ने आगे आरोप लगाया कि रायपुर के पुलिस अधीक्षक से यहाँ भटगाँव इलाके में कुछ लोगों के कथित धर्मांतरण के बारे में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसमें दावा किया गया था कि पुरानी बस्ती पुलिस में इस प्रकरण के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
भाजपा ने पादरी पर हमले के आरोप में गिरफ्तार लोगों की रिहाई की माँग की
5 सितंबर को यहाँ पुरानी बस्ती थाने के अंदर भीड़ ने एक पादरी और दो अन्य के साथ कथित तौर पर मारपीट की और गाली-गलौज की, जिसके बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साई के नेतृत्व में 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कुछ दिन पहले यहाँ एक पुलिस थाने में एक पादरी और दो अन्य के साथ कथित तौर पर मारपीट और गाली देने के आरोप में गिरफ्तार लोगों की रिहाई की भी माँग की और इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने की माँग की।
बता दें कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सरकार के तहत बढ़ते धर्मांतरण के भाजपा के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में भाजपा शासन के तहत सबसे अधिक चर्चों का निर्माण किया गया था। रिकार्ड बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासन में सबसे ज्यादा चर्च बनाए गए।
पिछले कुछ महीनों से गरमाया है माहौल
धर्मांतरण के मुद्दे पर प्रदेश का माहौल पिछले कुछ महीनों से गरमाया हुआ है। सबसे पहले भाजपा की सरगुजा इकाई ने आरोप लगाया कि वहाँ रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया जा रहा है। फिर बात ईसाई मिशनरियों की सक्रियता की आई। जुलाई में सुकमा एसपी ने मातहतों को एक पत्र लिखकर ईसाई मिशनरियों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा। उनका कहना था कि इससे आदिवासियों के मूल और धर्मांतरित समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है। भाजपा ने उस पत्र के बहाने सरकार को घेरा। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा।