बिहार में चमकी बुखार से बच्चों की मौत को लेकर कठघरे में घिरी नीतीश कुमार की सरकार ने एक नए विवाद को न्योता दे दिया है। बिहार विधानसभा में आम और उसके पौधे बाँटने को लेकर सरकार की तीखी आलोचना हो रही है। विपक्षी दल राजद के सदस्यों ने आम और उसके पौधे लेने से मना कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता राबड़ी देवी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि एक तरफ राज्य में कुपोषण से बच्चे मर रहे हैं, दूसरी ओर सरकार आम और उसके पौधे बाँट रही है। उनके नेतृत्व में विधानसभा के बाहर विपक्षी दल के विधायकों ने प्रदर्शन भी किया।
हालाँकि, राज्य सरकार ने अपने कदम का बचाव करते हुए कहा है कि पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के मकसद से ऐसा किया गया।
Patna: Mangoes & mango saplings distributed at Bihar assembly; Bihar Minister Shyam Rajak says, “the environment is in danger these days. Mango saplings are a way to ask people to plant more trees so that the problem can be solved.” pic.twitter.com/WfuE3Txx0d
— ANI (@ANI) July 3, 2019
बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक ने बताया कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के मकसद से आम के पौधे बाँटे गए। उन्होंने कहा, “पर्यावरण खतरे में है। आम के पौधे इसलिए बाँटे गए कि लोग और पेड़ लगाए और हम इस समस्या से निजात पा सकें।”
बिहार में फिलहाल विधानसभा का मॉनसून सत्र चल रहा है। बुधवार को कृषि मंत्रालय का बजट सदन में रखा गया। ऐसा कहा जा रहा है कि सदन में जब भी किसी विभाग का बजट पेश किया जाता है तो संबंधित विभाग की तरफ से सदन के सदस्यों के बीच कुछ उपहार वितरित किए जाने की परंपरा रही है।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों बिहार एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से जूझ रहा है। आम बोलचाल की भाषा में इसे चमकी बुखार भी कहते हैं। इसके कारण राज्य में अब तक करीब दो सौ बच्चों की मौत हो चुकी है।