स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर (Veer Savarkar) को लेकर छिड़े सियासी घमासान के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने कहा है कि वीर सावरकर की जयंती यानि 28 मई को ‘स्वातंत्र्यवीर गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। वीर सावरकर की जयंती मनाने का प्रस्ताव महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री उदय सामंत ने रखा था। इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सीएम शिंदे ने मंगलवार (11 अप्रैल 2023) को घोषणा की।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर यांचा २८ मे हा जन्मदिवस राज्य शासनामार्फत ‘स्वातंत्र्यवीर गौरव दिन’ म्हणून साजरा करण्यात येणार आहे,अशी घोषणा मुख्यमंत्री @mieknathshinde यांनी केली. यादिवशी स्वातंत्र्यवीर सावरकर यांच्या विचारांच्या प्रचार-प्रसारासाठी विविध कार्यक्रम आयोजित केले जाणार आहेत.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 11, 2023
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा है, “मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की है कि 28 मई को स्वतंत्रता सेनानी सावरकर की जयंती को राज्य सरकार द्वारा ‘स्वातंत्र्यवीर गौरव दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन स्वतंत्र वीर सावरकर के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।”
देशाच्या स्वातंत्र्यासाठी, राष्ट्रउन्नतीसाठी स्वातंत्र्यवीर सावरकर यांचे मोठे योगदान आहे. त्यांची देशभक्ती,धैर्य,प्रगतीशील विचारांना पुढे नेण्यासाठी, त्यामाध्यमातून त्यांना अभिवादन करण्यासाठी ‘स्वातंत्र्यवीर गौरव दिन’ साजरा करण्याची मागणी उद्योगमंत्री उदय सामंत यांनी केली होती.
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) April 11, 2023
एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है, “स्वातन्त्र्य वीर सावरकर का देश की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय विकास में बहुत बड़ा योगदान है। उद्योग मंत्री उदय सामंत ने उनकी देशभक्ति, साहस और प्रगतिशील विचारों को आगे बढ़ाने और उसके माध्यम से उन्हें नमन करने के लिए ‘स्वातंत्र्य वीर गौरव दिवस’ मनाने की माँग की थी।”
बता दें कि इससे पहले सीएम एकनाथ शिंदे ने पूरे महाराष्ट्र में ‘सावरकर गौरव यात्रा’ निकालने की घोषणा की थी। गत 2 अप्रैल से इस यात्रा की शुरुआत भी हो चुकी है। ‘सावरकर गौरव यात्रा’ का आयोजन महाराष्ट्र की सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों में किया जाना है।
राहुल गाँधी के बयान ने शुरू हुई सियासी खींचतान
गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद राहुल राहुल गाँधी लंबे समय से वीर सावरकर को लेकर हमलावर रहे हैं। हाल ही में लोकसभा सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गाँधी ने कहा था कि वह सावरकर नहीं हैं। इसलिए माफी नहीं माँगेगे। इसके बाद भाजपा समेत कई सियासी दलों ने राहुल गाँधी पर तीखा हमला बोला था। कॉन्ग्रेस की मदद से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वह वीर सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।
यही नहीं, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने राहुल गाँधी को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि देश की आजादी में वीर सावरकर के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता।