कोरोना वायरस के आँकड़ों को लेकर केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार में काफ़ी खींचतान चल रही है। तीन दिन तक तो ममता बनर्जी सरकार ने आँकड़े ही नहीं जारी किए। अब तृणमूल कॉन्ग्रेस सरकार मान रही है कि कोरोना का डेटा इकठ्ठा करने में ग़लती हुई है। सरकार ने माना है कि कई मामले रिपोर्ट नहीं हुए हैं। 72 ऐसी संदिग्ध मौतें हैं, जिन्हें कोरोना डेटा में जोड़ने से इनकार किया जा रहा है। कहा गया है कि ये लोग दूसरी बीमारियों से मरे।
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने मीडिया से बातचीत करते हुए 3 दिन बाद राज्य में कोरोना वायरस के आँकड़े जारी किए। पश्चिम बंगाल ऑडिट कमिटी ने इन 72 लोगों की मौत को कोरोना वायरस से जोड़ा है। कहा गया है कि पिछले 24 घंटे में राज्य में कोरोना से 11 मरीजों की मृत्यु हुई है। पश्चिम बंगाल में कुल मौत का आँकड़ा 61 बताया जा रहा है। अगर इन 72 लोगों को जोड़ दिया जाए तो ये संख्या 133 हो जाती है। मुख्य सचिव ने कहा:
“पश्चिम बंगाल सरकार आपको सही आँकड़े दे रही है। दूसरी बीमारियों (अन्य कोरोना संदिग्ध) से हुई 72 मौतों की बात हमारे पास नहीं आई है क्योंकि अस्पतालों को इसके बारे में जानकारी नहीं देने के लिए कहा गया है। सिर्फ़ कोरोना के मामलों से हुई मौतों का आँकड़ा इकठ्ठा किया जा रहा है। इसलिए, वे हमें कोरोना से मौतों की संख्या बता रहे हैं और हम आप तक सही आँकड़े पहुँचा रहे हैं। इसमें कोई मुद्दा नहीं है।”
डेटा में गड़बड़ी के लिए मुख्य सचिव ने प्राइवेट अस्पतालों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि निजी अस्पताल गड़बड़ियाँ कर रहे हैं, जिससे सरकार को आँकड़े पेश करने में देरी हो रही है। उन्होंने रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को जटिल करार दिया। सिन्हा ने दावा किया कि इसी प्रक्रिया की वजह से डेटा मिलने में देरी हो रही है। बता दें कि राज्य में केंद्र सरकार ने एक अन्तर मिनिस्टीरियल टीम को दौरे पर भेजा था।
At over 13%, the case fatality rate is very high in West Bengal while the detection rate continues to remain the same, which is a reflection of poor surveillance and a failure to actively look out for fresh cases.
— Anant Bhan (@AnantBhan) May 4, 2020
टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पश्चिम बंगाल में कोरोना के कारण मृत्यु दर देश में सबसे अधिक है। वहाँ के आँकड़ा 12.8% है। टीम के सदस्य अपूर्व चंद्रा ने राजीव सिन्हा को लिखे पत्र में इस बात को उठाया था। आधिकारिक आँकड़ों की बात करें तो पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के अब तक 1259 मरीज सामने आए हैं, जिनमें से 2018 लोग अब तक ठीक हुए हैं। फ़िलहाल 463 सक्रिय मामला होने की बात कही गई है। जहाँ केंद्र सरकार 133 मौतें बता रही हैं, राज्य सरकार कह रही है 61 की मौत हुई है।
भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सीएम ममता को लिखा था कि जहाँ एक तरह पश्चिम बंगाल की जनता कोरोना नामक आपदा को झेल रही है, ममता बनर्जी गन्दी राजनीति खेलने में व्यस्त हैं। उन्होंने सलाह दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ से झगड़ने की बजाए वो राज्य पर ध्यान दें। उन्होंने लिखा कि ये भाजपा नेताओं से बदला लेने का समय नहीं है। ये समय है अपनी प्रशासनिक क्षमता दिखाने का।