उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार (1 नवंबर 2021) को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को जिन्ना वाले बयान पर घेरा। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ की थी। इस बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘शर्मनाक’ और ‘तालिबानी मानसिकता’ वाला बताया है। साथ ही कहा है कि इसके लिए अखिलेश यादव को माफी माँगनी चाहिए।
Samajwadi Party Chief y’day compared Jinnah to Sardar Vallabhbhai Patel. This is shameful. It’s Talibani mentality that believes in dividing. Sardar Patel united the country. Presently, under leadership of PM, work underway to achieve ‘Ek Bharat, Shresth Bharat’: UP CM Adityanath pic.twitter.com/klZkXLxasN
— ANI UP (@ANINewsUP) November 1, 2021
सीएम योगी ने कहा, “कल मैं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का वक्तव्य सुन रहा था। वह देश तोड़ने वाले जिन्ना की तुलना इस राष्ट्र को जोड़ने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल से कर रहे थे। यह अत्यंत शर्मनाक है। सरदार पटेल भारत की एकता और अखंडता के शिल्पी हैं और वर्तमान में पीएम मोदी के नेतृत्व में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने का कार्य किया जा रहा है। आजाद भारत को एक भारत के रूप में रखने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है। जिन्हें पूरा देश लौह पुरुष के तौर पर जानता है।”
कल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने देश तोड़ने वाले जिन्ना से राष्ट्र को जोड़ने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की तुलना की।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 1, 2021
यह बेहद शर्मनाक कृत्य है। प्रदेश की जनता इसे कभी स्वीकार नहीं करेगी। pic.twitter.com/0EukNKYE0B
अखिलेश पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा, “कल उनकी विभाजनकारी मानसिकता एक बार फिर से सामने आ गई जब उन्होंने सरदार पटेल को जिन्ना के समकक्ष रखकर देश तोड़ने वाले जिन्ना को महिमामंडित करने का प्रयास किया है। मुझे लगता भारत की जनता इस विभाजनकारी मानसिकता को कभी स्वीकार नहीं करेगी और उत्तर प्रदेश की जनता तो हरगिज स्वीकार नहीं करेगी।”
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस कृत्य के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए। pic.twitter.com/pD9mtY66g7
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 1, 2021
उन्होंने आगे कहा, “ये तालिबानी मानसिकता है जो हमेशा तोड़ने में विश्वास करता है। पहले सामाजिक तानेबानों को जाति के नाम पर तोड़ने की प्रवृति और जब अपने मंसूबों में सफल नहीं हो रहे हैं तो महान पुरुषों पर लाँछन लगाकर पूरे के पूरे समाज को अपमानित करने का प्रयास हो रहा है। इस दुष्प्रवृत्ति को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। पूरे समाज और पूरे प्रदेश को इसकी निंदा करनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को प्रदेश और देश की जनता से माफी माँगनी चाहिए कि भारत की अखंडता के शिल्पी सरदार वल्लभ भाई पटेल का यह अपमान यह देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता। उनका यह वक्तव्य इसलिए आया है, क्योंकि विभाजन की उनकी प्रवृति हमेशा रही है।”
बता दें कि रविवार (31 अक्टूबर 2021) को हरदोई की एक जनसभा में अखिलेश यादव ने कहा था, “सरदार पटेल जमीन को पहचानते थे और जमीन को देखकर फैसले लेते थे, वह जमीन को समझ लेते थे तभी फैसला लेते थे, इसीलिए आयरन मैन के नाम से जाने जाते थे। सरदार पटेल जी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़ कर बैरिस्टर बन कर आए थे। एक ही जगह पर पढ़ाई लिखाई की। वह बैरिस्टर बने उन्होंने आजादी दिलाई अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वह पीछे नहीं हटे।”