सोमवार (11 जुलाई, 2022) को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जब हम परिवार नियोजन की बात करते हैं तो हमें ध्यान में रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े, लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी न पैदा हो पाए। इस अवसर पर न सिर्फ राज्य के स्तर पर बल्कि वैश्विक स्तर पर जनसंख्या असंतुलन को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण बातें कहीं।
Lucknow | When we talk about family planning or population stabilisation, we must keep in mind that population control programs should be carried out successfully. It should not result in any demographic imbalance. We must all together partake in an awareness program: UP CM pic.twitter.com/DWq4bv80nV
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 11, 2022
सीएम योगी आदित्यनाथ कहा, “ऐसा न हो कि किसी एक वर्ग की आबादी बढ़ने की स्पीड ज्यादा हो और जो मूल निवासी हों, उनकी आबादी को जागरूकता के प्रयासों से नियंत्रित कर दिया जाए।”
सीएम योगी ने आगे यह भी कहा, “जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा होती है। वहाँ असंतुलन चिंता का विषय है, क्योंकि रिलीजियस डेमोग्राफी पर उल्टा असर पड़ता है। एक समय के बाद वहाँ अव्यवस्था और अराजकता जन्म लेने लगती है।”
सीएम ने यहाँ तक कहा, “जनसंख्या रोकने की कोशिश से सभी मजहब, वर्ग, संप्रदाय को एक समान रूप से जोड़ा जाना चाहिए। एक वर्ग विशेष में मातृ और शिशु मृत्यु दर दोनों ही ज्यादा हैं। अगर दो बच्चों के जन्म के बीच अंतराल कम है तो इसका असर मातृ और शिशु मृत्यु दर पर भी पड़ेगा।”
सीएम ने आगे जनसंख्या असंतुलन पर पर बोलते हुए कहा, “इसे रोकने के लिए धर्मगुरुओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। इसमें सामूहिक कोशिशों से ही सफलता मिलेगी।” उन्होंने कहा, “मानव को 100 करोड़ तक होने में लाखों साल लगे, लेकिन 100 से 500 करोड़ होने में 183-185 साल ही लगे। इस साल के अंत तक विश्व की आबादी 800 करोड़ होने की संभावना है।”
वहीं उन्होंने भारत की जनसंख्या को मद्देनजर रखते हुए कहा, “आज का भारत 135-140 करोड़ जनसंख्या का देश है। यूपी सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। यहाँ अभी 24 करोड़ की आबादी है, जो कि कुछ समय में 25 करोड़ की संख्या को पार कर जाएगी। उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से ये दुनिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा देश हो सकता है।” ऐसे में सीएम योगी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में कई समस्याएँ बढ़ी आबादी की वजह से प्रदेश में बनी हुई हैं।
सीएम योगी ने कहा, ”हम सभी जानते हैं कि बीते 5 वर्षों से देशभर में जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं एक निश्चित पैमाने पर जनसंख्या समाज की उपलब्धि भी है, लेकिन यह उपलब्धि तभी है, जब समाज स्वस्थ व आरोग्यता की स्थिति को प्राप्त कर सके।”
वहीं उन्होंने जनसंख्या के हिसाब से राज्य की उपलब्धियों और सुविधाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा, “यूपी में मैटरनल एनीमिया 51.1% से घटकर 45.9% रह गई है। 5 साल में फुल इम्यूनाइजेशन 51.1% से बढ़कर लगभग 70% तक पहुँच गया है। हॉस्पिटल में प्रसव की दर 67-68% थी, वह आज 84% है। यूपी में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में पहले की तुलना में अपने रिकॉर्ड को अच्छा किया है, लेकिन इसे और बेहतर करने की जरूरत है।”
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश स्टेट लॉ कमीशन के अध्यक्ष आदित्य मित्तल पिछले साल 16 अगस्त 2021 को सीएम योगी आदित्यनाथ को जनसंख्या नियंत्रण कानून से जुड़ा ड्राफ्ट सौंपा था। वहीं अब इस बात का इंतजार है कि इस जनसंख्या नियंत्रण नीति को प्रदेश में आखिर कब लागू किया जाएगा।
वहीं आयोग ने विधेयक के प्रारूप में कहा है कि दो बच्चे वालों को ग्रीन और एक बच्चे वाले को गोल्ड कार्ड दिया जाए, जिससे योजनाओं का लाभ लेने के लिए उन्हें संबंधित दस्तावेज बार-बार न दिखाने पड़े। इसके साथ ही ट्रांसजेंडर बच्चे को दिव्यांग माना जाए। दो बच्चों में एक के ट्रांसजेंडर होने पर परिवार को तीसरे बच्चे की छूट होगी। इस मसौदे में ये साफ तौर पर है, कि जिनके 2 से ज्यादा बच्चे होंगे उन्हें सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी और जो सरकारी नौकरी में होंगे उन्हें प्रमोशन नहीं मिलेगा।