उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बीच ही अयोध्या में जिलाधिकारी नीतीश कुमार के आवास के बोर्ड का रंग बदल दिया गया है। जिलाधिकारी का यह बोर्ड जहाँ पहले भगवा हुआ करता था और वहीं आज अचानक बोर्ड को हरा कर दिया गया। जिसे लेकर सोशल मीडिया पर समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग तरह-तरह की अफवाहें फैला रहे हैं। इधर बोर्ड का रंग बदलते देर नहीं हुई कि सरकार बदलने की अफवाह उड़ने लगी और सोशल मीडिया पर सपा समर्थकों और नेताओं द्वारा तस्वीरें शेयर की जाने लगीं तो प्रशासन के कान खड़े हो गए।
क्या है मामला
दरअसल, डीएम आवास इस समय अस्थाई रूप से पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में शिफ्ट हो गया है, क्योंकि डीएम आवास जर्जर हो जाने कारण उसकी मरम्मत हो रही है। लेकिन यहाँ चर्चा का विषय यह है कि जिस समय डीएम आवास पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में शिफ्ट हुआ था, उस समय बोर्ड का रंग भगवा रखा गया था लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि बोर्ड का रंग बदल कर हरा कर दिया गया। अब इसे ही लेकर चुनाव समाप्त होने से पहले ही कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं। सपा के नेता इसे योगी सरकार की विदाई कह कर प्रचारित कर रहे हैं। जिसके कुछ स्क्रीनशॉट आप यहाँ देख सकते हैं।
बता दें कि साल पहले यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद ही डीएम आवास के साथ बसों व सरकारी कार्यालयों के बोर्ड भगवा रंग के कर दिए गए थे। इसके पहले अखिलेश सरकार के दौरान सरकारी रंग लाल व हरा में बदला गया था। ऐसे में बिना सत्ता परिवर्तन के रंगों की सियासत के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग इसे सत्ता में बैठे पुराने लोगों की शरारत भी बता रहे हैं।
रंग बदले जाने पर ऑपइंडिया ने की डीएम से बात
बोर्ड के रंग बदलने को लेकर डीएम नीतीश कुमार ने ऑपइंडिया को फोन पर बताया कि हमारा आवास इस समय पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस में अस्थाई रूप से है, जिसका बोर्ड अचानक पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने हरा रंग कर दिया। डीएम ने आगे बताया कि उनकी नजर भी वायरल हो रहे कई पोस्ट पर गई है। जिसके बारे में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी की कलर नीति के तहत ही बोर्ड का रंग बदला गया है। सभी डाक बंगलों व विभागीय बोर्ड हरे रंग के किए जा रहे हैं। डीएम आवास के डाक बंगले का बोर्ड का रंग भी उसी के तहत बदला गया है।
हालाँकि, डीएम नीतीश कुमार भी यहाँ पशोपेश की अवस्था में नजर आ रहे हैं और इस रंग परिवर्तन के लिए पीडब्ल्यूडी को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जब प्रदेश में चुनाव चल रहे हों, अभी दो चरण मतदान के बाकी हैं, ऐसे में डीएम आवास के बोर्ड का रंग बदलना कितना जायज था? ऐसे नाजुक वक्त में पीडब्ल्यूडी विभाग ने ऐसा कदम क्यों उठाया? अब देखना यह है कि ऐसे कदम पर क्या चुनाव आयोग संज्ञान लेकर कोई एक्शन लेता है?
गौरतलब है कि सिविल लाइंस में स्थित जिलाधिकारी के मूल आवास को अब तोड़ दिया गया है। लगभग चार महीने पूर्व जिलाधिकारी का आवास बस स्टेशन के सामने स्थित पीडब्ल्यूडी का डाक बंगला बना दिया गया। तत्कालीन जिलाधिकारी अनुज कुमार झा का आवास जब यहाँ शिफ्ट हुआ तो जिलाधिकारी के आवास का बोर्ड भगवा रंग का था।