मुंबई में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का एक बेहद भड़काऊ पोस्टर सामने आने के एक हफ्ते बाद पार्टी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज हो गई है। लीगल राइट्स ऑबजर्वेटरी के ट्विटर अकॉउंट से ये सूचना आज (मई 19, 2020) सुबह दी गई।
ट्वीट में लिखा गया, “हमने असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पार्टी के ख़िलाफ़ रजिस्ट्रार बॉम्बे हाई कोर्ट और भारतीय चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कर दी है। ये पार्टी भारतीय न्यायपालिका के खिलाफ घृणा पैदा करने वाले अपमानजनक पोस्टरों के जरिए स्वयं न्यायिक तंत्र बनाने की कोशिश कर रही है।”
We have filed complaint with Registrar Bombay High Court n ECI @ECISVEEP to derecognize AIMIM @aimim_national of @asadowaisi for blatantly outrageous posters creating hate against Indian Judiciary n trying to create own judicial mechanism @AmitShah @rsprasad pic.twitter.com/8PXlcXr6YI
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) May 18, 2020
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने एक नया पोस्टर जारी किया था। इस पोस्टर में काफी भड़काऊ और आपत्तिजनक बातें लिखी गई थी। इसमें AIMIM के दो नेताओं इमरान अंधेरीवाला और हाजी नफरत हुसैन का नाम, तस्वीर और मोबाइल नंबर लिखा हुआ था।
पोस्टर में समुदाय विशेष को भड़काने की साजिश साफ तौर पर दिख रही थी। इसमें लोगों से AIMIM पार्टी में शामिल होने की अपील भी की गई थी।
पोस्टर में लिखा था, “ ..अगर तुम अदालतों का चक्कर लगाना छोड़ कर अपने उलमा से ये मसले हल कराओ, तो खुदा की कसम किसी सरकार में इतनी हिम्मत नहीं, कि तुम्हारी शरीअत में दखलअंदाजी कर सके।”
बता दें कि इस पोस्टर को सबसे पहले भाजपा नेता सुरेंद्र पुनिया ने अपनी टाइमलाइन पर शेयर करते हुए मामले पर सबका ध्यान आकर्षित करवाया था।
उन्होंने अपनी टाइमलाइन पर लिखा था, “वाह,ओवैसी साहब और उनके लोग सविंधान और सेक्युलरिज़म बचाने में लगे हुए हैं। आप सब सोते रहना, जागना मना है।”
वाह,ओवैशी साहब और उनके लोग सविंधान और सेक्युलरिज़म बचाने में लगे हुये हैं
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) May 10, 2020
आप सब सोते रहना, जागना मना है…….. pic.twitter.com/wXmZY4lTxU
इसके बाद भाजपा नेता संबित पात्रा ने भी इस पोस्टर को ट्वीट करते हुए लिखा था, “AIMIM कितनी secular पार्टी है वह इस पोस्टर से पता लगता है।”
वहीं, पुनिया के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने लिखा, “कल्पना करिए यदि कोई हिंदूवादी नेता इस तरह का पोस्टर लगाए तब इस देश में क्या होता! जब लोग अंबेडकर का फोटो लेकर घूमते हैं या जब वह संविधान की बात करते हैं तब बहुत हँसी आती है क्योंकि ये कभी भी भारत के संविधान या अंबेडकर में भरोसा नहीं रखते उन्हें अपनी शरीयत ही सबसे प्यारी है।”