सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस की बेईमानी न केवल एक बार फिर उजागर हो गई बल्कि उसने साथ ही अपना मखौल भी खुद उड़वा लिया। और irony का आलम यह है कि कॉन्ग्रेस की खिल्ली भी मजाकिया लेख (satire) को गंभीर, सच्ची खबर के रूप में चलाने की कोशिश में उड़ी।
अमर उजाला का हास्य लेख, कॉन्ग्रेस ने की काट-छाँट
होली के मौके पर हिन्दी दैनिक अमर उजाला ने एक व्यंग्य लेख छापा था जिसमें योगी आदित्यनाथ की उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में संपन्न हुए कुम्भ मेले में भरी गड़बड़ी पाई गई। लेख में यह भी कहा गया कि इसी बनिस्बत जाँच के भी आदेश जारी किए गए हैं। लेख को व्यंग्य बताते हुए उसके ऊपर यह स्पष्टीकरण साफ-साफ छपा था, जिसमें लिखा था कि यह मजाकिया लेख है, सच्ची खबर नहीं।
पर मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैण्डल से इसे असली खबर बताते हुए निम्न ट्वीट किया गया:
अगर दोनों चित्रों को ध्यान से देखा जाए तो साफ पता चलेगा कि कॉन्ग्रेस द्वारा ट्वीट किए गए चित्र में से वह स्पष्टीकरण गायब है, जिसमें इस लेख को satire बताया गया है।
ट्विटरगणों ने लिया आड़े हाथों
जैसे ही 2-3 लोगों ने कॉन्ग्रेस का यह फेक न्यूज़ फैलाने का प्रयास इंगित किया, लोगों ने कॉन्ग्रेस को निशाने पर लेकर #SatireLikeAmarUjala के साथ अपने-अपने व्यंग्यात्मक मीम चलाने शुरू कर दिए।
Congress is becoming honest now.#SatireLikeAmarUjala pic.twitter.com/ylSxo42nyU
— Scar (@RAC7R) March 25, 2019
Not at all shocked at this. #SatireLikeAmarUjala pic.twitter.com/8XSSex9wwI
— Chowkidar SMOKING SKILLS (@SmokingSkills_) March 25, 2019
Not so shocking ?? #SatireLikeAmarUjala pic.twitter.com/MlJrdjy7Od
— Dr. Laliya (@Lala_The_Don) March 25, 2019
कुछ लोगों ने तो कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर उत्सुक दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को भी लपेटे में ले लिया।
Shocking if true. #SatireLikeAmarUjala pic.twitter.com/Itt1KbwKwB
— Chowkidar Akshay | ಅಕ್ಷಯ | अक्षय (@AkshayKatariyaa) March 25, 2019
Ye sab kaun bana raha hai ?#SatireLikeAmarUjala pic.twitter.com/LE8Gfaxczi
— Chowkidar hoon BC (@delhichatter) March 25, 2019
गफलत नहीं है यह
इसमें कोई शक नहीं कि अच्छा हास्य-व्यंग्य सच्चाई के इतने करीब होता है कि कई बार दोनों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से लेकर न्यूज चैनल सीएनएन-आईबीएन तक व्यंग्य को तथ्य मानने की भूल कर चुके हैं।
मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस की इस हरकत को व्यंग्य की श्रेणी में रख उसे संशय का लाभ नहीं दिया जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि लेख के ऊपर छपे स्पष्टीकरण को हटाने के कार्य से साफ पता चलता है कि कॉन्ग्रेस ने यह जानबूझकर किया और फेक न्यूज़ फैलाई।