प्रवीण चक्रवर्ती – कॉन्ग्रेस पार्टी के डेटा एनालिटिक्स टीम के प्रमुख। वही प्रवीण चक्रवर्ती जिनके डेटा और सिर्फ डेटा पर भरोसा करके राहुल गाँधी लोकसभा चुनाव की नैया पार करने वाले थे। हालाँकि चुनाव परिणाम के बाद राहुल को यह समझ आ गया होगा कि लोकतंत्र में डेटा का खेल तो है लेकिन जनता-जनार्दन के साथ केमिस्ट्री उससे बड़ी चीज है। खैर, उसी प्रवीण चक्रवर्ती ने चुनाव में कॉन्ग्रेस के प्रदर्शन के लिए ख़ुद को ‘बलि का बकरा’ बनाए जाने को लेकर कटाक्ष किया है। 2019 के लोकसभा चुनावों में कॉन्ग्रेस के बुरे प्रदर्शन के लिए राजनीतिक पंडितों द्वारा प्रवीण चक्रवर्ती को दोषी ठहराया गया था।
कॉन्ग्रेस पार्टी की डेटा एनालिटिक्स टीम के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने ट्विटर पर ICC क्रिकेट विश्व कप में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ भारत की हार का संदर्भ देते हुए कॉन्ग्रेस नेतृत्व और आलोचकों का मजाक उड़ाया। प्रवीण चक्रवर्ती ने तंज कसते हुए लिखा कि विश्व कप में भारत के हारने के बावजूद किसी ने भी इसके लिए सहयोगी स्टाफ को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया।
Heartbreaking to watch India lose to New Zealand & crash out of the cricket world cup.
— Praveen Chakravarty (@pravchak) July 11, 2019
Led valiantly by their captain, India had a string of remarkable wins & fought hard in this crucial game but lost.
Wisely, the team’s support staff is not being blamed solely for this defeat.
इसी तर्ज पर प्रवीण चक्रवर्ती ने नुक़सान (चुनावी हार) के लिए कॉन्ग्रेस अध्यक्ष के बजाए उनको दोषी ठहराए जाने को लेकर तंज कसा। चक्रवर्ती ने अपनी इस टिप्पणी के साथ ही एक बहस को हवा दे दी है। उन्होंने कॉन्ग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधते हुए लिखा कि पार्टी के नेतृत्व की विफलता के लिए जानबूझकर उन्हें बलि का बकरा बनाया गया।
ख़बर के अनुसार, चुनाव के बाद किसी भी आलोचना से गाँधी-वंश को बचाने के लिए कॉन्ग्रेस के भीतर एक ठोस अभियान चलाया गया। पार्टी की हार का ठीकरा नेताओं के सिर मढ़ा गया। राहुल गाँधी की अक्षमता पर चादर डालते हुए प्रवीण चक्रवर्ती, जो कॉन्ग्रेस के डेटा एनालिटिक्स विभाग के प्रमुख थे, उन पर भी हार का ठिकरा फोड़ा गया।
कॉन्ग्रेस ने राहुल गाँधी को ‘ग़लत डेटा’ उपलब्ध कराने के लिए प्रवीण चक्रवर्ती को दोषी ठहराया था। पार्टी का मानना है कि ग़लत डेटा की वजह से ही उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 में हार का सामना करना पड़ा। कॉन्ग्रेस ने संदेह जताया कि प्रवीण चक्रवर्ती मोदी सरकार का गुप्तचर था, जिसके ज़रिए कॉन्ग्रेस पार्टी को ग़लत जानकारी शेयर की जा सके और पार्टी को चुनाव में नुक़सान पहुँचाया जा सके।
इसके अलावा, कॉन्ग्रेस के नेतृत्व ने राहुल गाँधी को किसी भी तरह की जवाबदेही से बचाने के कई तरीके भी खोजे। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी पदों से इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया। इसी कड़ी में, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा पहले ही राहुल गाँधी को अपना इस्तीफ़ा सौंप चुके हैं।