उत्तर प्रदेश के जिस रायबरेली से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी लगातार 5 बार से सांसद हैं, ब्लॉक चुनावों में कॉन्ग्रेस को वहाँ भी निराशा हाथ लगी। राज्य भर में 852 में से ब्लॉक प्रमुख के 600 से भी अधिक सीटें जीतने वाली भाजपा ने रायबरेली में भी 18 में से 11 सीटें अपने नाम की, जबकि कॉन्ग्रेस का खाता तक न खुला। इस हार पर रायबरेली के हरचंदपुर से विधायक राकेश सिंह ने कहा कि पंचवटी परिवार के कॉन्ग्रेस से दूर होने के कारण ये सब हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले यहाँ जीत होती थी तो कॉन्ग्रेस को लगता था कि ये सब उसके कारण हो रहा है, लेकिन उसकी ये ग़लतफ़हमी दूर हो गई होगी क्योंकि पंचवटी परिवार के बिना कॉन्ग्रेस यहाँ नहीं जीत सकती। बता दें कि पंचवटी परिवार में दिनेश प्रताप सिंह, उनके भाई राकेश प्रताप सिंह और अन्य नेता शामिल हैं। राकेश और अदिति कॉन्ग्रेस के बागी विधायक हैं। दिनेश ने सोनिया गाँधी के खिलाफ 2019 लोकसभा का चुनाव लड़ा था।
राज्य में गाँधी परिवार के खासमखास रहे अखिलेश सिंह भी अपने निधन से पहले एक दशक से भी अधिक समय तक बागी हो गए थे और आज उनकी बेटी अदिति सिंह कॉन्ग्रेस की बागी विधायक है। राकेश सिंह ने कहा कि रायबरेली में पंचवटी परिवार की बदौलत कॉन्ग्रेस है, ये परिवार कॉन्ग्रेस की बदौलत नहीं है। उन्होंने कहा कि वो कॉन्ग्रेस में हैं, लेकिन उसकी नीतियों के खिलाफ हैं, उसके प्रभारी किशोरी लाल शर्मा के खिलाफ हैं।
राकेश सिंह ने कहा कि कॉन्ग्रेस सिर्फ मुस्लिम परस्त राजनीति करती है, जो उन्हें पसंद नहीं है। उन्होंने भाजपा की तारीफ़ करते हुए कहा कि इसमें अच्छे-अच्छे नेता हैं। उदाहरण देते हुए राकेश सिंह ने कहा कि कॉन्ग्रेस विधायक होने के बावजूद वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से क्षेत्र के लिए जो भी काम कराने को कहते हैं, वो पूरा कर देते हैं। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस विधायक होने के बावजूद कोई अच्छा काम करने पर उनकी ही पार्टी उनसे नाराज़ हो जाती है।
उन्होंने बताया, “जब भी मैं कोई पूजा-पाठ कराता हूँ या अखंड रामायण का पाठ कराता हूँ तो कॉन्ग्रेस मुझे ये सब करने से रोकती है। कॉन्ग्रेस की ये नीति ही रही है कि कोई अच्छा काम न हो। ये पार्टी शत प्रतिशत हिंदुत्व की विरोधी है। मई पार्टी छोड़ नहीं रहा, बस कॉन्ग्रेस को आगाह करना चाह रहा हूँ कि अगर वो 85% को छोड़ कर केवल 15% को लेकर चलती रही तो कई नेता कॉन्ग्रेस छोड़ेंगे।”
उन्होंने कहा कि अगर उन्हें 2022 में कॉन्ग्रेस टिकट नहीं देती है तो वो निर्दलीय भी जीत सकते हैं। भाजपा में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये सब भविष्य के गर्भ में है। बता दें कि राकेश सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर यज्ञ का आयोजन भी करवाया था। साथ ही उनके परिवार ने राम मंदिर के लिए 11 किलो चाँदी की शिलाएँ भी दान में दी थी। राकेश सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में कोई पार्टी के जिलाध्यक्षों का नाम तक नहीं जानता है।
इस चुनाव में अमावा से दिवंगत विधायक अखिलेश कुमार सिंह की पत्नी ब्लॉक प्रमुख के रूप में चुनी गईं। जबकि हरचंदपुर से दिनेश प्रताप सिंह के बेटे पीयूष प्रताप ब्लॉक प्रमुख बने। ये क्षेत्र राकेश सिंह का ही है। शिवगढ़ ब्लॉक में भाजपा के प्रत्याशी पूर्व एमएलसी राकेश प्रताप सिंह के बेटे हनुमंत सिंह की जीत हुई। रायबरेली में दो सीटें समाजवादी पार्टी और 5 सीटें निर्दलीय के खाते में गई, लेकिन कॉन्ग्रेस शून्य पर अटकी रही।
उत्तर प्रदेश के ब्लॉक प्रमुख के पदों पर भाजपा की भारी जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता का वीडियो ट्वीट किया था, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी है। PM मोदी ने कहा, “उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में भी यूपी भाजपा ने अपना परचम लहराया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की नीतियों और जनहित की योजनाओं से जनता को जो लाभ मिला है, वो पार्टी की भारी जीत में परिलक्षित हुआ है। इस विजय के लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ता बधाई के पात्र हैं।