Sunday, September 8, 2024
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‘ममता बनर्जी का ड्रामा स्क्रिप्टेड’: कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा – ‘दिल्ली में संत, लेकिन बंगाल में शैतान’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार (27 जुलाई 2024) को नीति आयोग की बैठक में केंद्र के खिलाफ यह आरोप लगाया किया उन्हें बैठक में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। इसे अधीर रंजन से जोरदार तरीके से खारिज किया है।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में शामिल हुई। इस बैठक के बीच से ही निकलीं और आरोप लगाया कि उन्हें बोलने ही नहीं दिया गया। अब इस मामले में पश्चिम बंगाल कॉन्ग्रेस अध्यक्ष और हाल ही में टीएमसी उम्मीदवार यूसुफ पठान से हार झेलने वाले अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर जोरदार हमला बोला है। अधीर ने कहा है कि ममता बनर्जी झूठ बोल रही हैं। उन्होंने ममता बनर्जी के दावे को स्क्रिप्टेड करार दिया। इस बीच, उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि ममता बनर्जी दिल्ली में तो संत बन जाती हैं, लेकिन वो पश्चिम बंगाल में शैतान बन जाती हैं।

अधीर रंजन चौधरी ने ममता पर एक के बाद एक आरोप लगाए और यहाँ तक कह दिया कि ममता झूठ बोल रही हैं कि उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है। वे खुद बंगाल में तानाशाही करती हैं। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “नीति आयोग की बैठक के बारे में ममता बनर्जी जो बातें कह रही हैं, मुझे लगता है कि वह झूठ बोल रही हैं… यह बहुत आश्चर्यजनक है कि किसी राज्य के सीएम को बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ममता बनर्जी जानती थीं कि वहाँ क्या होने वाला है… उनके पास पहले से ही स्क्रिप्ट थी।” अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया है कि जिस तरह से राहुल गाँधी की देशभर में लोकप्रियता बढ़ रही है, उससे ममता बनर्जी को जलन हो रही है।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि दिल्ली में ममता बनर्जी संत की तरह नजर आती हैं लेकिन कोलकाता आते ही इनका रूप बदल जाता है। बंगाल में अघोषित आपातकाल है। तानाशाही का स्वरुप रोज देखने को मिलता है। ममता लगातार झूठ बोल रहीं हैं कि बोलने का मौका नहीं दिया जाता है।

इतना ही नहीं अधीर ने यह भी कहा कि चुनाव हो या न हो, बंगाल में जिस तरह की अराजकता का सामना करना पड़ रहा ह। नगर निगम चुनाव में हमें वोट देने का मौका नहीं मिला। जबरदस्ती चुनाव जीतते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान, वहाँ केंद्र द्वारा सुरक्षा बल तैनात किए गए थे इसलिए कुछ स्थानों पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से हुआ लेकिन हम निश्चित रूप से यह नहीं कह सकते कि सभी जगह मतदान शांतिपूर्ण ढंग से हुआ।

इस बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में भी उन्होंने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा का मुद्दा उठाया है। चौधरी ने दो पन्नों के पत्र में लिखा, “मैं पश्चिम बंगाल में सार्वजनिक जीवन में शिष्टाचार और कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए आपके हस्तक्षेप की माँग करता हूँ। मेरे लिए, व्यक्तिगत स्तर पर, राज्य में अराजक स्थिति को देखना न केवल परेशान करने वाला है, बल्कि बहुत पीड़ादायक भी है, जिसका कारण सत्तारूढ़ पार्टी का विपक्ष के कार्यकर्ताओं, समर्थकों और समर्थकों के प्रति क्रूर रवैया है।”

उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा फैलाए गए ‘आतंक’ के कारण विपक्षी पार्टी के सदस्यों और कार्यकर्ताओं को काफी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन बहुत गहरी चिंता वाली बात जिस पर तत्काल ध्यान दिये जाने की जरूरत है, वह है पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा जारी रहने और विपक्षी कार्यकर्ताओं को धमकाया जाना।”

बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार (27 जुलाई 2024) को नीति आयोग की बैठक में केंद्र के खिलाफ यह आरोप लगाया किया उन्हें बैठक में बोलने की अनुमति नहीं दी गई। बनर्जी ने कहा कि जब वह बोल रही थीं तो उनका माइक बंद कर दिया गया और उन्होंने इसे “बंगाल और अन्य क्षेत्रीय दलों का अपमान” करार दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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