Thursday, November 21, 2024
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हरियाणा के नतीजे देख कॉन्ग्रेसी नेता रोते रहे EVM का रोना, पार्टी के OBC नेता अजय यादव ने कहा- घटिया प्रबंधन के कारण हारी कॉन्ग्रेस, हाईकमान जिम्मेदार

अजय यादव कॉन्ग्रेस के अकेले ऐसे नेता नहीं, हैं जो हरियाणा चुनाव में हार के लिए पार्टी नेतृत्व को दोषी ठहरा रहे हैं। वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता और रोहतक से विधायक भारत भूषण बत्रा ने भी इसी तरह की बात कही। उन्होंने कहा, "प्रचार के आखिरी हफ़्ते में एससी और ओबीसी का भारी ध्रुवीकरण देखा गया और इसका फ़ायदा बीजेपी को मिला। हमें इस बात पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है कि हम कहाँ गलत हुए।"

हरियाणा के पूर्व मंत्री और कॉन्ग्रेस के अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के अध्यक्ष अजय यादव ने गुरुवार (11 अक्टूबर) को हरियाणा चुनाव में हार के लिए राष्ट्रीय और राज्य नेतृत्व के बीच कुप्रबंधन और खराब समन्वय को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल पर चुनाव के दौरान संपर्क में नहीं आने का भी आरोप लगाया।

यादव का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कॉन्ग्रेस हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के लिए ईवीएम को जिम्मेदार ठहरा रही है। हालाँकि, समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में अजय यादव ने कुछ हद तक इस भावना को दोहराया, लेकिन उन्होंने हार के लिए मुख्य रूप से पार्टी नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया।

अजय यादव ने सुझाव दिया कि कॉन्ग्रेस पार्टी को हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र में मिली करारी हार पर आत्म-चिंतन करना चाहिए। यहाँ की 11 में से 10 सीटें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में गई हैं। यादव ने कहा, “कॉन्ग्रेस कार्यसमिति, पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति, अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस समिति या हरियाणा प्रदेश कॉन्ग्रेस समिति में अहीरवाल का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।”

OBC कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष अजय यादव ने आगे कहा, “पार्टी (कॉन्ग्रेस) ने मुझे ओबीसी विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसका कोई फायदा नहीं है, क्योंकि यह शक्तिहीन है। हम चुनाव इसलिए हार गए, क्योंकि राज्य और राष्ट्रीय नेतृत्व के बीच कोई समन्वय नहीं था।” इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया है।

सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में यादव ने लिखा, “पार्टी को दक्षिणी हरियाणा खासकर गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में अपनी विफलता पर आत्मचिंतन करना चाहिए, जहाँ उसे सिर्फ एक सीट मिली। अहीरवाल का सीडब्ल्यूसी, सीईसी, एआईसीसी महासचिवों या यहाँ तक ​​कि एचपीसीसी में भी कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। एआईसीसी ओबीसी अध्यक्ष पद एक दिखावा और बेकार है।”

एक्स पर एक अन्य पोस्ट में अजय यादव ने कॉन्ग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि वह नैरेटिव को नियंत्रित करने में असमर्थ है, क्योंकि लोगों से जनादेश प्राप्त करने से पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए हरियाणा कॉन्ग्रेस के भीतर अंदरूनी कलह की खबरें आ रही थीं। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा भी कई मुद्दे हैं।

अपने पोस्ट के बारे में ANI को बताते हुए उन्होंने कहा, “जब चुनाव होते हैं तो जीतना प्राथमिक लक्ष्य होता है। उस समय अगर मीडिया में सीएम पद के लिए खींचतान सामने आती है तो यह पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है। पहले जनादेश हासिल करें और उसके बाद तय करें कि सीएम कौन बनेगा। यह निर्णय कोई एक व्यक्ति नहीं ले सकता। यह विधायकों द्वारा लिया जाता है।”

उन्होंने पार्टी पर यह भी आरोप लगाया कि जब दीपक बाबरिया अस्पताल में भर्ती थे, तब पार्टी ने नया प्रदेश प्रभारी नियुक्त नहीं किया। यादव ने कहा, “जब पार्टी के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया अस्पताल में भर्ती थे तो उनकी ड्यूटी किसी दूसरे नेता को क्यों नहीं दी गई? पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान खुद चुनाव लड़ रहे थे, इसलिए वे उचित फीडबैक लेने और रणनीति को अंतिम रूप देने में उम्मीदवारों की मदद करने में विफल रहे।”

दिलचस्प बात यह है कि अजय यादव ने आरोप लगाया कि अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी (AICC) के वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने उनसे अपने क्षेत्र में कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी के रोड शो की व्यवस्था करने के लिए कहा था। हालाँकि, राहुल गाँधी कभी नहीं आए। यादव ने यह भी बताया कि रेवाड़ी में कुमारी शैलजा का कार्यक्रम तय था, लेकिन हेलीकॉप्टर उपलब्ध हीं होने के कारण वह रेवाड़ी नहीं गईं।

यादव ने यह भी कहा कि फिरोजपुर झिरका के मौजूदा पार्टी विधायक मम्मन खान का बयान भी पार्टी के खिलाफ गया। उन्होंने कहा, “फिरोजपुर झिरका के हमारे मौजूदा विधायक मम्मन खान भारी अंतर से जीते, क्योंकि वहाँ अधिकांश मतदाता मुस्लिम थे, लेकिन उनके विवादास्पद बयानों ने हमारी हार में योगदान दिया। हम ध्रुवीकरण और खराब चुनाव प्रबंधन के कारण हारे।”

अजय यादव कॉन्ग्रेस के अकेले ऐसे नेता नहीं, हैं जो हरियाणा चुनाव में हार के लिए पार्टी नेतृत्व को दोषी ठहरा रहे हैं। वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता और रोहतक से विधायक भारत भूषण बत्रा ने भी इसी तरह की बात कही। उन्होंने कहा, “प्रचार के आखिरी हफ़्ते में एससी और ओबीसी का भारी ध्रुवीकरण देखा गया और इसका फ़ायदा बीजेपी को मिला। हमें इस बात पर पुनर्विचार करने की ज़रूरत है कि हम कहाँ गलत हुए।”

हालाँकि, उन्होंने असांध के पूर्व विधायक शमशेर सिंह गोगी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि कॉन्ग्रेस की अंदरूनी कलह और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अत्यधिक निर्भरता के कारण पार्टी की हार हुई। उन्होंने कहा कि शमशेर सिंह गोगी अक्सर मौका मिलते ही हुड्डा के खिलाफ पक्षपातपूर्ण टिप्पणी करते हैं।

HT ने एक अनाम वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा कि चुनाव में पार्टी नेता निष्क्रिय रहे, जिसके कारण हार हुई। उन्होंने कहा, “हमारे शीर्ष नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा, अजय यादव और रणदीप सुरजेवाला ने एक बार भी मंच साझा नहीं किया। दो रैलियों में हुड्डा और शैलजा मौजूद थे, लेकिन अन्य नेता गायब थे। भाजपा लोगों को समझाने में सफल रही कि हरियाणा कॉन्ग्रेस में सब ठीक नहीं है।”

हरियाणा में हार के लिए कॉन्ग्रेस ने EVM को जिम्मेदार ठहराया

हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी ने फिर से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है। हालाँकि, इस बार उन्होंने अपने आरोपों में कुछ बदलाव किए हैं। एक अजीबोगरीब आरोप में पार्टी ने दावा किया कि अलग-अलग बैटरी चार्ज वाले ईवीएम अलग-अलग नतीजे देते हैं।

कॉन्ग्रेस के आरोपों का खंडन करते हुए चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान से पहले ईवीएम में पूरी तरह चार्ज की गई बैटरी डाली जाती है, लेकिन मॉक पोल, वास्तविक मतदान और मतगणना में मशीनों के इस्तेमाल से चार्ज का स्तर कम होता जाता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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