मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया की नई किताब ने मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के कई पन्ने खोले हैं। इन खुलासों के बाद हिंदू आतंकवाद के मुद्दे पर कॉन्ग्रेस घिरती नजर आ रही है। भाजपा ने उसके नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। लोकसभा में कॉन्ग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के हिंदू आतंकवाद पर दिए गए बयान के बाद बहस और भी तेज हो गई है। भाजपा ने उनके बयान पर किया है।
भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, “हम कॉन्ग्रेस के हिंदू आतंकवाद के विचार और लश्कर, आईएसआई की 26/11 रणनीति के बीच एक संबंध देख सकते हैं। क्या भारत का कोई शख्स आईएसआई को आतंकवादियों को हिंदू पहचान देने के लिए हैंडलर के रूप में मदद कर रहा है? क्या दिग्विजय सिंह हैंडलर के रूप में काम कर रहे थे? कॉन्ग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए।”
BJP leader GVL Narasimha Rao: We can see a connection emerging between Congress’ idea of Hindu terror and LeT & ISI’s 26/11 strategy.Was someone from India helping ISI as handler to give terrorists Hindu identity?Was Digvijaya Singh working as handler?Congress should answer this. pic.twitter.com/cjOb3VQn8N
— ANI (@ANI) February 19, 2020
इससे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कॉन्ग्रेस पर 26/11 हमले के बाद झूठे हिंदू आतंकवाद मुद्दे को खड़ा करने का आरोप लगाया था। अधीर रंजन ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “जब ‘हिंदू आतंक’ शब्द गढ़ा गया था तब एक अलग पृष्ठभूमि थी। मक्का मस्जिद में विस्फोट हुआ था और प्रज्ञा ठाकुर समेत अन्य को तब गिरफ्तार किया गया था। आतंकवादी हमेशा छलावा करते हैं। वे अपनी वास्तविक पहचान के साथ हमलों को अंजाम नहीं देते हैं। 26/11 के समय UPA सरकार थी जिसने हमले के बारे में सब कुछ बताया। बाद में UPA के शासनकाल में अजमल कसाब को फाँसी दी गई थी।”
Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury: Terrorists always camouflage. They do not carry out attacks with their actual identity. It was the UPA government which revealed everything about the attack. Ajmal Kasab was later hanged during UPA rule. (2/2) https://t.co/RT9AZzbyKB
— ANI (@ANI) February 19, 2020
दरअसल यह पूरा विवाद मुबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर और 26/11 आतंकी हमले की जाँच करने वाले राकेश मारिया की किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ से शुरू हुआ। राकेश मारिया ने अपनी किताब में कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और उसकी शह पर काम करने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई हमले को हिंदू आतंक’ का रंग देने की गहरी साजिश रची थी। लेकिन आतंकवादी अजमल कसाब के जिंदा पकड़े जाने से उनकी साजिश नाकाम हो गई थी। मारिया ने अपनी किताब में लिखा है, “यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो कसाब समीर चौधरी के रूप में मर जाता और मीडिया हमले के लिए ‘हिंदू आतंकवादियों’ को दोषी ठहराती।”