राजस्थान में कॉन्ग्रेस सरकार के भीतर चल रही तनातनी के बीच एक राज्य मंत्री का विवादित बयान आया है। वहाँ गहलोत सरकार में उद्योग मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा ने कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं की सुनवाई करते हुए देश के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को घूसखोर कहा है। उनका आरोप है कि ये लोग 2% लिए बिना काम नहीं करते।
पूरा मामला राजस्थान के बूँदी का है। जहाँ प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के सदस्य सत्येश शर्मा ने बूंदी की नायब तहसीलदार प्रीतम कुमारी मीणा को एपीओ करने का मुद्दा उठाया। शर्मा ने कहा कि गलत काम न करने पर एक ईमानदार नायाब तहसीलदार को एपीओ किया गया। इस पर परसादी ने कहा कि भारत में कहीं ईमानदार तहसीलदार, नायब तहसीलदार नहीं मिलेंगे। उनकी ऐसा कहते हुए वीडियो भी सामने आई है।
वीडियो में सुन सकते हैं कि परसादी के मुँह से विवादित बात सुनकर पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता हरमोहन शर्मा ने बीच में उन्हें टोकते हुए कहा कि ये अपवाद है। जिस पर परसादी ने जोर देकर समझाते हुए कहा, “मैं आपके साथ MLA बना हूँ। मैं 6 बार विधायक और 3 बार मंत्री रह चुका हूँ। कितने ही तहसीलदार, नायब तहसीलदार लगा दिए, पर वे 2% तो लेंगे ही लेंगे।” वहीं हरिमोहन शर्मा ने फिर कहा कि ये अपवाद है चाहे तो पता लगा लें।
उल्लेखनीय है कि कॉन्ग्रेस शासित प्रदेश में कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होने पर जिले के प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा के सामने कलेक्टर और मंत्री के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने कलेक्टर को तत्काल बूंदी से हटाने की माँग की। साथ ही कहा कि कॉन्ग्रेस के राज में भी कार्यकर्ताओं, जनता की सुनवाई नहीं हो रही। कोई काम करना ही नहीं चाहता, किसके पास जाएँ।
बता दें कि इससे पहले बीते सप्ताह कोटा में वन मंत्री सुखराम विश्नोई की जनसुनवाई में उनके बेटे- भतीजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद कार्यकर्ताओं के हंगामे की बात सामने आई थी। अब इसी कड़ी में मीणा के साथ जनसुनवाई पर कार्यकर्ताओं का मंगलवार को गुस्सा फूटा। वहाँ कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर की ओर से उनकी बात न मानने की बात पर उनको हटाने की माँग तो की ही। साथ ही इस जनसुनवाई के दौरान कार्यकर्ताओं का गुस्सा इतना अधिक था कि कॉन्ग्रेस के पूर्व बूंदी शहर अध्यक्ष देवराज गोचर ने यह तक बात कह डाली कि यदि प्रभारी मंत्री मीणा ने उनकी बात नहीं सुनी, तो बूंदी में नहीं घुसने दिया जाएगा।