Friday, November 15, 2024
Homeराजनीतिनेहरू मेमोरियल पर अब नहीं रहा कॉन्ग्रेसियों का कब्जा, अमित शाह की एंट्री

नेहरू मेमोरियल पर अब नहीं रहा कॉन्ग्रेसियों का कब्जा, अमित शाह की एंट्री

संस्कृति मंत्रालय ने सोसायटी का पुनर्गठन करते हुए जिन कॉन्ग्रेस नेताओं को बाहर किया है उनमें मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्ण सिंह और जयराम रमेश शामिल हैं। खड़गे ने फैसले पर नाराजगी जताते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (एनएमएमएल) सोसायटी का केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने पुनर्गठन किया है। इसके तहत कॉन्ग्रेस के नेताओं को सोसायटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। जिन लोगों की एंट्री हुई है उनमें केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शामिल हैं।

कॉन्ग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा है, “ये दुर्भाग्य है कि सरकार हर चीज़ को राजनैतिक रूप से ले रही है। ये फैसला सिर्फ़ इसलिए लिया गया क्योंकि वे पैनल में अपने लोगों को चाहते थे।”

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब नेहरू मेमोरियल कॉन्ग्रेस मुक्त हो गया है। सोसायटी में भाजपा नेता अनिर्बान गांगुली, गीतकार प्रसून जोशी और पत्रकार रजत शर्मा को भी जगह दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके अध्यक्ष हैं।

बता दें कि संस्कृति मंत्रालय ने सोसायटी का पुनर्गठन करते हुए जिन कॉन्ग्रेस नेताओं को बाहर किया है उनमें मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्ण सिंह और जयराम रमेश शामिल हैं।

सोसायटी के उपाध्यक्ष राजनाथ सिंह हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी सदस्य बनाया गया है। 5 नवंबर को इस संबंध में संस्कृति मंत्रालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -