राजनीति में परिवारवाद उस समय और भी चिंताजनक हो जाता है जब वह लोकतंत्र की आड़ लेकर उसकी आत्मा का गला घोंटने लगे। नेहरू के उदाहरण में यह स्थिति स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
इससे पहले नेहरू ने एक बार कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंच पर ले जाने की गलती की थी। इसके चलते 7 दशक के बाद भी कश्मीर का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के पास है।
नेशनल हेराल्ड पर नेहरू के जमाने में भी रिश्वत के आरोप लगने लगे। 1947-48 में बड़ौदा के महाराजा से नेशनल हेराल्ड के लिए पूरे दो लाख रुपये की रिश्वत मांग ली गई... जिसकी शिकायत सरदार पटेल ने नेहरू से की, फिर भी वो रिश्वत वापस नहीं की गई
पत्र के अंश को हाईलाइट करके अब सोशल मीडिया पर कॉन्ग्रेस से सवाल हो रहे हैं। पूछा जा रहा है कि क्या नेहरू ने अंबेडकर पर ब्रिटिशों के साथ गठबंधन करने का आरोप लगाकर गद्दार नहीं कहा गया था?
नेहरू के खोखलापन के बारे में आरके लक्ष्मण ने 60 साल पहले बता दिया था। पर भगेरन तिवारी के बेटे और अभिराम दास न होते तो हम और आप यह जान भी नहीं पाते कि जन्मस्थान में बाल मूर्ति का होना भी नेहरू को खटकता था।