छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्व कॉन्ग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के बेटे आशीष कर्मा को डिप्टी कलेक्टर नियुक्त किया है। यह एक प्रशासनिक पद है। आम तौर पर इस पद के लिए अभ्यर्थियों को छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग (CGPSC) की परीक्षा को पास करना होता है, जिसके लिए निश्चित रूप से बहुत सारे अभ्यर्थी दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन कॉन्ग्रेस ने परिवारवाद की राजनीति में एक बार फिर साबित कर दिया है कि कॉन्ग्रेस है तो मुमकिन है।
2 मार्च को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (INC) के निवास पर हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में पूर्व कॉन्ग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के बेटे आशीष कर्मा को अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय कर सीधा डिप्टी कलेक्टर पद दे दिया गया। बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर रहे कर्मा की 2013 में झीरमघाटी में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। इस हमले में कॉन्ग्रेस नेता के साथ CRPF और राज्य पुलिस को मिलकर कुल 28 अन्य लोगों की भी मृत्यु हुई थी। आशीष कर्मा की पढ़ाई पूरी नहीं होने के कारण अनुकंपा नियुक्ति का मामला पेडिंग था, उन्होंने मात्र स्नातक की डिग्री प्राप्त की है।
छत्तीसगढ़ में वर्तमान कॉन्ग्रेस सरकार का ये पक्षपातपूर्ण निर्णय ऐसे समय में आया है जब कॉन्ग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार को घेरने के लिए बलिदानी सैनिकों का सहारा लेकर लगातार राजनीति कर रही है। सोशल मीडिया पर अभ्यर्थी निरंतर रूप से सरकार से इस बात का जवाब माँग रहे हैं कि आखिर यह सामंतवादी और पक्षपातपूर्ण विचारधारा अन्य अभ्यर्थियों पर क्यों थोपी जा रही है? ट्विटर पर हैकिंग के माध्यम से पाकिस्तान सरकार की नाक में दम करने वाले अंशुल सक्सेना से लेकर सभी लोगों ने इस पर आवाज उठाने का प्रयास किया है।
Chhattisgarh Congress Govt appoints son of a late Congress leader as Deputy Collector without clearing any exam.
— Anshul Saxena (@AskAnshul) March 9, 2019
To get appointed for the post, one has to clear State Civil Services Exam conducted by Chhattisgarh Public Service Commission.
It’s been 5 days & Media is also mum.
कॉन्ग्रेस सरकार के इस पक्षपात से आहत कुछ अभ्यर्थियों ने ट्विटर के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा है कि सरकार अन्य अभ्यर्थियों के मनोबल को गिरा रही है और उनके प्रयासों का मजाक बनाकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
@bhupeshbaghel Sir you are playing with the future of students who are preparing for State PCS..give us clear answer about decision of making deputy collector to ashish karma? Is this only for making vote bank?? Sir we are youth hum bana sakte hai to bigad bhi sakte hai…. pic.twitter.com/0qqLemyYE6
— iamsanjjjj (@iamsanjj) March 4, 2019
Just being a son of @INCIndia leader is now sufficient to become a deputy collector without giving PSC exam
— Indorie #ModiOnceMore (@Indorie_) March 4, 2019
That’s governance @INCChhattisgarh style pic.twitter.com/f7heQXvnrq
अभ्यर्थियों का कहना है कि इस घटना को 6 दिन से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक किसी भी मीडिया द्वारा इस खबर को नहीं उठाया गया है। कुछ ट्विटर यूज़र्स का कहना है कि कॉन्ग्रेस द्वारा संचालित यह गोदी मीडिया छत्तीसगढ़ सरकार के इस निंदनीय कृत्य पर पर्दा डालने का प्रयास कर रही है।