कर्नाटक के पडरायनपुरा में बीते महीने स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमला किया गया था। इस घटना के आरोपित 126 दंगाइयों का बुधवार को कॉन्ग्रेस विधायक बीजेड जमीर अहमद खान ने भव्य स्वागत किया।
कॉन्ग्रेस विधायक ने दंगाइयों का हज हाउस से रिहाई के बाद न केवल भव्य स्वागत किया, बल्कि प्रत्येक को कथित तौर पर 10 हजार रुपए की राशि भी दी। दंगाइयों ने 19 अप्रैल को स्वास्थ्य कर्मचारियों के ऊपर हमला किया था। इसके बाद 126 आरोपितों को हज हाउस में न्यायिक हिरासत में क्वारंटाइन किया गया था।
जब इन दंगाइयों को हज हाउस से रिहा किया गया तो इनके स्वागत में बुधवार (03 मई 2020) को कॉन्ग्रेस विधायक बीजेड अहमद खान हाथ जोड़कर सामने खड़े हो गए। इसके बाद आरोपियों को कॉन्ग्रेस विधायक की फर्म से जुड़ी एक बस में ले जाया गया। इस दौरान कॉन्ग्रेसी विधायक ने उन्हें पैसे के अलावा राशन किट और हैंड सैनिटाइजर भी दिए।
कथित तौर पर सभी 126 आरोपितों को 1 लाख रुपये की राशि पर जमानत दी गई है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक कॉन्ग्रेस विधायक ने ही आरोपियों को जमानत पर बाहर निकालने के लिए पैसे दिए हैं। उच्च न्यायालय ने 29 मई को उन्हें जमानत दी थी।
वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे कॉन्ग्रेस विधायक क्वारंटाइन सेंटर से बाहर आ रहे आरोपित दंगाइयों का स्वागत कर रहे हैं।
Congress MLA gives a warm welcome and distributed 1.26 Crore to the rioters who attacked Corona Warriors in Padarayanapura. pic.twitter.com/WuPyASUJ5u
— ವಾ ಲಿ Wali (@netaji3210) June 3, 2020
गिरफ्तार किए गए 126 में से कुछ आरोपित कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। यहाँ तक कि पडरायनपुरा के जेडीएस पार्षद इमरान पाशा भी कोरोना जाँच में पॉजिटिव पाए गए थे, जिन्हें आइसोलेट करने के लिए बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अधिकारियों द्वारा आइसोलेशन में ले जाए जाने के वक़्त जेडीएस नेता ने अपने घर के पास हाईवोल्टेज ड्रामा किया था। पाशा के सैकड़ों समर्थकों ने उनके घर के पास जमा होकर नारेबाजी की थी। इस मामले में शनिवार को पाशा के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
इसी इलाके में 19 अप्रैल की शाम को में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बीबीएमपी अधिकारियों की एक टीम पर हिंसक भीड़ ने हमला कर दिया था। दरअसल स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए गई थी।
इस दौरान कोरोना वायरस रोगियों के संपर्क में आने वाले लोगों ने खुद को क्वारंटाइन करने से इनकार कर दिया था और इसी का विरोध करते हुए हिंसक भीड़ ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला बोल दिया था। भीड़ ने पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करते हुए अधिकारियों द्वारा बनाए गए बैरिकेड्स, टेंट और अन्य सेटअप को तहस-नहस कर दिया था।
बीबीएमपी डॉक्टरों, नर्सों और आशा कार्यकर्ताओं का एक समूह सरकार द्वारा संचालित क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों के संपर्क में आए 58 लोगों को लेने के लिए पडरायनपुरा इलाके में पहुँचा था।
पडरायनपुरा इलाका बेंगलुरु के कोरोना से सबसे प्रभावित इलाकों में से एक है। इसीलिए इसे हॉटस्पॉट घोषित किया गया था और पुलिस द्वारा इलाके को सील करने के लिए बैरिकेड्स लगाए गए थे, जिसे हिंसक भीड़ द्वारा तोड़ दिया गया। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार निजामुद्दीन मरकज से लौटे दो तबलीगी जमातियों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था और फिर उनके संपर्क में आने वाले 15 अन्य लोग भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे।
19 अप्रैल को स्वास्थ्य कर्मियों पर किए गए हमले के आरोप में कुल 126 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन्हें अदालत द्वारा न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद नजदीकी रामनगर जिला जेल भेज दिया गया था। बाद में रामनगर के निवासियों द्वारा आपत्ति उठाए जाने के बाद उन्हें बेंगलुरु के हज हाउस में स्थानांतरित कर दिया गया था।