असम के नगाँव ज़िले में मौलाना खैरुल इस्लाम के अंतिम संस्कार के दौरान हजारों की संख्या में लोग जुटे। जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए इस अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले कॉन्ग्रेस सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) विधायक अमीनुल इस्लाम के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज़ की है।
Case filed against Congress MP Pradyut Bordoloi&All India United Democratic Front (AIUDF) MLA Aminul Islam, in connection with violation of lockdown norms during the funeral of Maulana Khairul Islam, in Nagaon last week. They were present at the event: Nagaon SP. #Assam
— ANI (@ANI) July 8, 2020
इसकी जानकारी नगाँव के एसपी ने दी। उन्होंने बताया कि मौलाना खैरुल इस्लाम के अंतिम संस्कार के दौरान लॉकडाउन गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में कॉन्ग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक अमीनुल इस्लाम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वे इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
गौरतलब है कि अमीनुल इस्लाम के पिता खैरुल इस्लाम का 2 जुलाई को लंबी बीमारी के बाद देहांत हो गया था। खैरुल इस्लाम ने अखिल भारतीय जमीयत उलेमा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया और इसे पूर्वोत्तर भारत में “आमिर-ए-शरीयत” माना जाता है। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें वायरल हो गई, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ते हुए देखा जा सकता है। साथ ही किसी ने मास्क भी नहीं लगाया था।
अमीनुल इस्लाम ने ही अपने पिता के अंतिम संस्कार की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। इन तस्वीरों में भारी भीड़ दिखाई दे रही थी। प्रशासन का मानना है कि अंतिम संस्कार में लगभग दस हजार लोग शामिल हुए थे।
कोरोना वायरस का प्रकोप देश में थमने का नाम नहीं ले रहा है। रोजाना हजारों की संख्या में संक्रमित मामले सामने आ रहे हैं। वहीं सैकड़ों की संख्या में मौत हो रही हैं। संक्रमण से बचने के लिए लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कर रहे है ऐसे में किसी भी अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों को जाने की इजाजत नहीं है। लेकिन असम के नगांव ज़िले में मौलाना खैरुल इस्लाम के अंतिम संस्कार के दौरान हजारों की संख्या में लो जुट थे। जिसके बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के खतरे को देखते हुए तीन गाँवों को सील कर दिया गया।
वहीं Legal Rights Protection Forum नाम के एक NGO ने असम के राज्यपाल को पत्र लिखकर धींग निर्वाचन क्षेत्र के विधायक अमीनुल इस्लाम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की थी।
उल्लेखनीय है कि अमीनुल इस्लाम को 7 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उन पर कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को सांप्रदायिक रूप देने का आरोप लगाया गया था।
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक ने एक वीडियो क्लिप के माध्यम से असम के लोगों को संबोधित करते हुए दावा किया था कि निजामुद्दीन मरकज से लौटने वालों में से किसी का भी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आया था। अमीनुल इस्लाम ने यह भी कहा था कि कोरोना वायरस के लिए आइसोलेशन वार्ड, डिटेंशन सेंटर की तरह हैं और यह सरकार की एक खास समुदाय के लोगों को मारने की साजिश है।