कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बुधवार (अक्टूबर 23, 2019) को तिहाड़ जेल में बंद कॉन्ग्रेस नेता डीके शिवकुमार से मुलाकात की। डीके शिवकुमार मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। सोनिया के साथ कॉन्ग्रेस महासचिव और कर्नाटक में पार्टी के प्रभारी केसी वेणुगोपाल भी थे। शिवकुमार पिछले 50 दिनों से तिहाड़ में बंद हैं। पिछले महीने सोनिया ने आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ में बंद रहे पी चिदंबरम से भी मुलाक़ात की थी। कॉन्ग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष का इस तरह अपनी पार्टी के दागी नेताओं से जेल जाकर मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है।
डीके शिवकुमार को कर्नाटक में कॉन्ग्रेस का संकटमोचक माना जाता है। जब राज्य में चुनाव के बाद सरकार गठन का दौर चल रहा था, तब अस्पष्ट बहुमत होने के कारण भाजपा और कॉन्ग्रेस, दोनों ने ही सत्ता पर दावा किया था। उस समय शिवकुमार के रिसोर्ट में ही विधायकों को ठहराया गया था। यहाँ तक कि ऐसे मौक़ों पर विधायकों के आवागमन के लिए भी उन्हीं की कम्पनी की बसें प्रयोग की जाती रही हैं। शिवकुमार ने कुमारस्वामी की पार्टी से कॉन्ग्रेस के गठबंधन में भी अहम भूमिका निभाई थी।
डीके शिवकुमार पिछले 3 दशक में कर्नाटक में कॉन्ग्रेस के 4 अलग-अलग मुख्यमंत्रियों की सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी उनसे मिलने तिहाड़ पहुँचे थे। कॉन्ग्रेस-जेडीएस के रिश्तों में खटास के बावजूद शिवकुमार से मिलने के सवाल पर कुमारस्वामी ने कहा कि राजनीतिक मसले अलग होते हैं और वो यहाँ व्यक्तिगत रिश्ते के कारण आए हैं। कुमारस्वामी ने कहा कि शिवकुमार प्रतिशोध की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। शिवकुमार को मानसिक रूप से मजबूत बताते हुए उन्होंने कहा कि वो उन्हें हिम्मत देने आए हैं।
Delhi: Congress interim President Sonia Gandhi leaves from Tihar Jail after meeting Congress leader DK Shivakumar, who is currently lodged in the jail under judicial custody, in connection with a money laundering case. https://t.co/ZWBTDI9UyQ pic.twitter.com/zLGKQDJ9fm
— ANI (@ANI) October 23, 2019
कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष द्वारा तिहाड़ जाकर चिदंबरम और शिवकुमार से मुलाक़ात करना यह दिखाता है कि पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ मजबूती से खड़ी है, भले ही वो कितने ही गंभीर आरोप का सामना क्यों न कर रहे हों। कहा जा रहा है कि गुजरात राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत में शिवकुमार की बड़ी भूमिका थी, इसीलिए पार्टी उनके साथ खड़ी है। उस चुनाव में अमित शाह ने व्यक्तिगत दिलचस्पी ली थी और मतगणना के दौरान वह ख़ुद वहाँ मौजूद थे। अहमद पटेल के पक्ष में विधायकों की गुटबंदी और उन्हें रिसोर्ट में ठहराने तक का सारा इंतजाम शिवकुमार ने ही किया था।