Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति30 दिन में 2 बार तिहाड़ पहुॅंचीं सोनिया, अब मनी लॉन्ड्रिंग में फॅंसे कॉन्ग्रेस...

30 दिन में 2 बार तिहाड़ पहुॅंचीं सोनिया, अब मनी लॉन्ड्रिंग में फॅंसे कॉन्ग्रेस के ‘संकटमोचक’ शिवकुमार से मिलीं

डीके शिवकुमार पिछले 3 दशक में कर्नाटक में कॉन्ग्रेस के 4 अलग-अलग मुख्यमंत्रियों की सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी उनसे मिलने तिहाड़ पहुँचे थे।

कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बुधवार (अक्टूबर 23, 2019) को तिहाड़ जेल में बंद कॉन्ग्रेस नेता डीके शिवकुमार से मुलाकात की। डीके शिवकुमार मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। सोनिया के साथ कॉन्ग्रेस महासचिव और कर्नाटक में पार्टी के प्रभारी केसी वेणुगोपाल भी थे। शिवकुमार पिछले 50 दिनों से तिहाड़ में बंद हैं। पिछले महीने सोनिया ने आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ में बंद रहे पी चिदंबरम से भी मुलाक़ात की थी। कॉन्ग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष का इस तरह अपनी पार्टी के दागी नेताओं से जेल जाकर मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है।

डीके शिवकुमार को कर्नाटक में कॉन्ग्रेस का संकटमोचक माना जाता है। जब राज्य में चुनाव के बाद सरकार गठन का दौर चल रहा था, तब अस्पष्ट बहुमत होने के कारण भाजपा और कॉन्ग्रेस, दोनों ने ही सत्ता पर दावा किया था। उस समय शिवकुमार के रिसोर्ट में ही विधायकों को ठहराया गया था। यहाँ तक कि ऐसे मौक़ों पर विधायकों के आवागमन के लिए भी उन्हीं की कम्पनी की बसें प्रयोग की जाती रही हैं। शिवकुमार ने कुमारस्वामी की पार्टी से कॉन्ग्रेस के गठबंधन में भी अहम भूमिका निभाई थी।

डीके शिवकुमार पिछले 3 दशक में कर्नाटक में कॉन्ग्रेस के 4 अलग-अलग मुख्यमंत्रियों की सरकारों में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। हाल ही में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी उनसे मिलने तिहाड़ पहुँचे थे। कॉन्ग्रेस-जेडीएस के रिश्तों में खटास के बावजूद शिवकुमार से मिलने के सवाल पर कुमारस्वामी ने कहा कि राजनीतिक मसले अलग होते हैं और वो यहाँ व्यक्तिगत रिश्ते के कारण आए हैं। कुमारस्वामी ने कहा कि शिवकुमार प्रतिशोध की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। शिवकुमार को मानसिक रूप से मजबूत बताते हुए उन्होंने कहा कि वो उन्हें हिम्मत देने आए हैं।

कॉन्ग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष द्वारा तिहाड़ जाकर चिदंबरम और शिवकुमार से मुलाक़ात करना यह दिखाता है कि पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ मजबूती से खड़ी है, भले ही वो कितने ही गंभीर आरोप का सामना क्यों न कर रहे हों। कहा जा रहा है कि गुजरात राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत में शिवकुमार की बड़ी भूमिका थी, इसीलिए पार्टी उनके साथ खड़ी है। उस चुनाव में अमित शाह ने व्यक्तिगत दिलचस्पी ली थी और मतगणना के दौरान वह ख़ुद वहाँ मौजूद थे। अहमद पटेल के पक्ष में विधायकों की गुटबंदी और उन्हें रिसोर्ट में ठहराने तक का सारा इंतजाम शिवकुमार ने ही किया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -