कॉन्ग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी (Congress Leader Rahul Gandhi) द्वारा भारत को पुजारियों के बजाय तपस्वियों का देश बताने पर पुजारी समाज उन पर भड़का हुआ है। उधर, विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने राहुल के बयान को ‘विनाश काले विपरीत बुद्धि’ बताया है।
इस बीच राहुल गाँधी ने सोमवार (9 जनवरी 2023) को एक बार फिर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कहा कि RSS वाले हर-हर महादेव नहीं बोलते हैं, क्योंकि महादेव तपस्वी हैं और संघ वाले तपस्या भंग करने वाले लोग हैं। उन्होंने संघ को 21वीं सदी का कौरव और तपस्या भंग करने वाला बताया।
दरअसल, राहुल गाँधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के तहत हरियाणा में पहुँचने पर कहा था कि कॉन्ग्रेस ‘तपस्या’ में विश्वास करती है, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ‘पूजा’ का संगठन है। उन्होंने आरोप लगाया था कि BJP-RSS लोगों को उनकी पूजा करने के लिए मजबूर करते है। उन्होंने कहा था कि भारत ‘तपस्वियों’ का देश है, न कि ‘पुजारियों’ का।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक बार फिर बोलते हुए राहुल गाँधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को कौरव बता दिया। उन्होंने कहा कि महाभारत काल में कौरव हुए थे। वही कौरव इन दिनों RSS के रूप में मौजूद है। उन्होंने कहा कि पांडवों ने नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोली थी।
स्वामी दीपांकर ने कहा कि राहुल गाँधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा को अपनी ‘मोहब्बत की दुकान’ के रूप में वर्णित किया था, लेकिन अब ‘नफरत’ की बातें कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस नेता को बोलने से पहले सोचना चाहिए। उन्होंने पूछा, “तो क्या पुजारियों को समुद्र में फेंक देना चाहिए?”
युवा तीर्थ पुरोहित महासभा के उज्ज्वल पंडित ने आरोप लगाया कि राहुल गाँधी ने भारत की उन परंपराओं का अपमान किया है, जिसमें पुजारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि कॉन्ग्रेस नेता अपने शो के लिए सिर पर ‘जनेउ’ पहनते थे और तिलक लगाते थे। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी की टिप्पणी ब्राह्मणों के खिलाफ है।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि राहुल गाँधी के बयान के कॉन्ग्रेस का हिंदू विरोधी चेहरा बेनकाब हो गया है और इसके लिए उन्हें जनता कभी माफ नहीं करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 70 वर्षों में हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने, मुस्लिम तुष्टीकरण करने और ईसाई मिशनरियों को बढ़ावा देने और अब हिंदू राष्ट्र के मद्देनजर अवसरवादी बनने के लिए कॉन्ग्रेस जिम्मेदार है।