आर्टिकल 370 को लेकर पहले ही दो धड़ों में बॅंटी कॉन्ग्रेस की गुटबाजी और गहरा गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बेवजह निशाने पर लेने की पार्टी की नीति की आलोचना करने वाले नेताओं के खिलाफ लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी सहित कुछ वरिष्ठ नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, अभिषेक मनु सिंघवी और शशि थरूर ने हाल ही में कहा था कि हर मसले पर मोदी का विरोध उनकी लोकप्रियता को बढ़ावा देता है। इन नेताओं का कहना था कि मोदी सरकार के अच्छे काम की तारीफ होनी चाहिए। इसी बयान को लेकर पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जताई है।
थरूर, जयराम और सिंघवी को बातों कॉन्ग्रेस ने आधिकारिक तौर पर न तो समर्थन किया है और न ही आलोचना। लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में इस पर आपत्ति जताई है। राज्यसभा में कॉन्ग्रेस उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री और सरकार के कामों की आलोचना करना विपक्ष का कर्तव्य है। इसे खलनायक की तरह पेश करना नहीं कहा जा सकता है। विपक्ष से यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए की वह सरकार जो भी करेगी, उसकी तारीफ करेगा। विपक्ष को यदि लगता है कि सरकार गलत कर रही है तो उसे सवाल करने, आलोचना करने और विरोध करने की उम्मीद की जाती है। उनका कहना है कि बिना आलोचना के लोकतंत्र नहीं हो सकता है।
कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी की सदस्य पूर्व मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा कि वो ये नहीं समझ पा रही हैं कि ऐसी क्या बात है, जिसकी वजह से जयराम रमेश पीएम मोदी की तारीफों के पुल बाँध रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो पार्टी हर चीज के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहरा रही है, जयराम रमेश उस पार्टी की प्रशंसा कैसे कर सकते हैं।
वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “आलोचना और प्रदर्शन के बीच किसी को भ्रमित नहीं करना चाहिए। अगर हम किसी बात से सहमत नहीं हैं तो हम आलोचना करेंगे। अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखें। हम क्या कहेंगे? मोदी अच्छा काम कर रहे हैं? इसलिए हमें आलोचना करनी पड़ेगी। एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में आलोचना करना हमारा काम है। आलोचना और प्रदर्शन करने में अंतर है। हम किसी का प्रदर्शन नहीं करते हैं। यह हमारी संस्कृति के खिलाफ है।” अधीर रंजन वही नेता हैं जो लोकसभा में जम्मू-कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मसला बता कर कॉन्ग्रेस को असहज कर चुके हैं।
पार्टी ने भले ही आधिकारिक तौर पर कुछ न कहा हो, मगर कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच के इस बयानबाजी को सुन यह अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि पार्टी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। विचारों का विरोधाभास साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। बीते दिनों पी चिदंबरम ने भी पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस वाले भाषण की प्रशंसा की थी।
Always said demonising #Modi wrong. No only is he #PM of nation, a one way opposition actually helps him. Acts are always good, bad & indifferent—they must be judged issue wise and nt person wise. Certainly, #ujjawala scheme is only one amongst other good deeds. #Jairamramesh
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) August 23, 2019
गौरतलब है कि, पिछले दिनों जयराम रमेश ने एक बुक लॉन्चिंग के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि पीएम मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना तथा हर समय खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है। इसके बाद कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीएम की तारीफ करते हुए कहा कि एक व्यक्ति का मूल्यांकन हमेशा उसके कार्यों से करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री के उज्जवला योजना की प्रशंसा की।
. As you know, I have argued for six years now that @narendramodi should be praised whenever he says or does the right thing, which would add credibility to our criticisms whenever he errs. I welcome others in Oppn coming around to a view for which i was excoriated at the time!
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 23, 2019
इन नेताओं के बयान का समर्थन करते हुए शशि थरूर ने कहा कि वो तो पिछले 6 साल से कह रहे हैं कि नरेंद्र मोदी के अच्छे कामों की तारीफ करनी चाहिए।