खेल रत्न अवार्ड को गाँधी परिवार के सदस्य, पूर्व प्रधानमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता राजीव गाँधी के नाम पर दिया जाता था लेकिन 06 अगस्त 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि अब इस पुरस्कार को भारत के हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिया जाएगा। हालाँकि जहाँ एक ओर पूरे देश में इस फैसले का स्वागत किया गया वहीं इस पर राजनीति भी शुरू हो चुकी है। ताजा मामला कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कॉन्ग्रेस नेता सिद्धारमैया का है जिन्होंने एक और योजना का नाम बदले जाने की संभावना पर भाजपा पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
दरअसल, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने 07 अगस्त 2021 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस बोम्मई को ट्विटर पर टैग करते हुए यह माँग की थी कि कर्नाटक में चलने वाली ‘इंदिरा कैंटीन’ के नाम को बदलकर ‘अन्नपूर्णेश्वरी कैंटीन’ किया जाए। रवि ने अपने ट्वीट में आगे लिखा था कि इसका कोई कारण नहीं दिखता कि कर्नाटक के लोग खाना खाते समय आपातकाल के उन काले दिनों को याद करें।
Request Chief Minister Sri @BSBommai to rename Indira Canteens across Karnataka as “Annapoorneshwari Canteen” at the earliest.
— C T Ravi 🇮🇳 ಸಿ ಟಿ ರವಿ (@CTRavi_BJP) August 7, 2021
Don’t see any reason why Kannadigas should be reminded of the dark days of Emergency while they are having food.
रवि की इस माँग पर प्रतिक्रिया देते हुए सिद्धारमैया ने कहा कि इंदिरा कैंटीन के नाम को बदलने की बात करना कुछ और नहीं बल्कि भाजपा द्वारा की जा रही प्रतिशोध की राजनीति है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के नेतृत्व के नाम पर कई कार्यक्रम हैं ऐसे में क्या कभी उन्होंने इन नामों को बदलने की कोशिश की? सिद्धारमैया ने कहा कि खेल रत्न में राजीव गाँधी का नाम था, ऐसे में वह (भाजपा) इसे क्यों बदलना चाहते थे? साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से इस मुद्दे पर जवाब माँगा है।
वहीं दूसरी ओर शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस मुद्दे पर कहा कि राजीव गाँधी के द्वारा दिए गए बलिदान का अपमान किए बिना भी मेजर ध्यानचंद को सम्मान दिया जा सकता था। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखते हुए राउत ने कहा कि राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड किया जाना एक ‘राजनैतिक दाँव’ है न कि लोगों की इच्छा के अनुरूप लिया गया फैसला।
ज्ञात हो कि केंद्र की मोदी सरकार ने शुक्रवार (6 अगस्त 2021) को खेल रत्न पुरस्कार मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिए जाने का फैसला किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, “मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने के लिए देशभर से नागरिकों का अनुरोध मिले हैं। मैं उनके विचारों के लिए उनका धन्यवाद करता हूँ। उनकी भावना का सम्मान करते हुए, खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा! जय हिंद!”