कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार कैप्टन विरिआटो फर्नांडिस ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि गोवा वासियों पर भारत का संविधान जबरदस्ती लादा गया था। उन्होंने राज्य के निवासियों के लिए दोहरी नागरिकता की माँग भी की है जिससे वह भारत के साथ ही पुर्तगाल के नागरिक भी बन सकें। उन्होंने अपनी यह माँगे कॉन्ग्रेस सांसद राहुल गाँधी के समक्ष रखीं थी। फर्नांडिस से राहुल गाँधी ने इन पर विचार करने की बात कही थी। भाजपा ने उनके बयान को देश तोड़ने वाला कहा है।
दक्षिण गोवा से उम्मीदवार बनाए गए विरिआटो फर्नांडिस ने एक जनसभा के दौरान यह विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, “10 मार्च, 2019 को पिछले लोकसभा चुनावों के समय तत्कालीन कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी गोवा आए थे, तब मैंने दोहरी नागरिकता समेत 12 माँगे उनके सामने रखी थी।”
He is Viriato Fernandez, lok sabha candidate of Congress from South Goa. He is demanding Dual Citizenship for people of Goa.
— Incognito (@Incognito_qfs) April 23, 2024
He is saying that India got its constitution in 1950 and Goa was not part of India. Goa was liberated in 1961 and Indian constitution was forced upon… pic.twitter.com/wWAy3dcL9s
उन्होंने कहा, “राहुल गाँधी ने कहा था कि अगर दोहरी नागरिकता संवैधानिक नहीं है तो उस पर बात नहीं होगी। लेकिन मैंने उन्हें समझाया कि संविधान 1950 में लागू हुआ जबकि गोवा 1961 में भारत में शामिल हुआ था, ऐसे में भारत का संविधान गोवा पर जबरदस्ती लादा गया था।”
फर्नांडिस इसके बाद भी संविधान को लेकर बयानबाजी करते रहे। उन्होंने कहा कि हमारे भाग्य का निर्धारण किसी और ने किया था और संविधान बनने तथा लागू होने के समय गोवा भारत का हिस्सा नहीं था। कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 लागू किया गया जबकि गोवा के लिए ऐसा कुछ नहीं हुआ।
फर्नांडिस के इस बयान पर भाजपा ने आरोप लगाया है कि कॉन्ग्रेस भारत तोड़ो अभियान चला रही है। गोवा के मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रमोद सावंत ने फर्नांडिस के इस बयान पर गुस्सा जाहिर करते हुए लिखा एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मैं कॉन्ग्रेस के दक्षिण गोवा उम्मीदवार के बयान पर हैरान हूँ, जिसमें कहा गया है कि भारत का संविधान को गोवावासियों पर जबरदस्ती थोपा गया है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का स्पष्ट तौर पर मानना था कि गोवा भारत का अभिन्न अंग है।”
I am appalled by the comments from Congress's South Goa candidate claiming the Indian Constitution was forcefully imposed upon Goans. Our freedom fighters believed wholeheartedly that Goa is an inseparable part of India. Congress delayed Goa's liberation by 14 years. Now, their…
— Dr. Pramod Sawant (Modi Ka Parivar) (@DrPramodPSawant) April 22, 2024
उन्होंने कॉन्ग्रेस पर हमला बोलते हुए लिखा, “कॉन्ग्रेस ने गोवा को आजाद करवाने में में 14 वर्ष की देरी की। अब, उनके उम्मीदवार ने भारत के संविधान को नीचा दिखा रहे हैं। कॉन्ग्रेस को अपनी इस लापरवाह भारत तोड़ो वाली राजनीति को तुरंत बंद करना चाहिए। कॉन्ग्रेस हमारे लोकतंत्र के लिए संकट है।”
गौरतलब है कि 1961 में भारत ने सैन्य ऑपरेशन के जरिए गोवा को पुर्तगाल के कब्जे से आजाद करवाया था। इसके बाद गोवा भारत का हिस्सा बना थ। पुर्तगाल अभी भी गोवा के निवासियों को नागरिकता का अधिकार देता है। कानूनन यदि कोई व्यक्ति 1961 या उससे पहले गोवा का नागरिक था तो वह पुर्तगाल की नागरिकता ले सकता है।
उसके दो पीढ़ी तक के वंशज भी नागरिकता ले सकते हैं। हालाँकि, यदि कोई व्यक्ति पुर्तगाल की नागरिकता लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाती है। भारत में एकल नागरिकता का प्रवाधान है, जिसके अंतर्गत उसके नागरिक किसी और देश के नागरिक नहीं बन सकते। ऐसा करने पर उनकी नागरिकता स्वतः समाप्त मानी जाती है।