महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार (29 जून 2022) की रात इस्तीफा दे दिया। उससे पहले सरकार बचाने की आखिरी कोशिश करते हुए उनकी कैबिनेट ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने का फैसला किया। औरंगाबाद का नाम अब संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धारशिव होगा। हालाँकि यह फैसला भी उद्धव सरकार के काम नहीं आया और अब उनकी विदाई के बाद महाविकास अघाड़ी के दोस्तों ने इस पर नाराजगी जताई है।
यह फैसला जिनको रास नहीं आया उसमें कॉन्ग्रेस भी शामिल है जो उद्धव कैबिनेट में शामिल थी। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और सपा ने भी इस पर ऐतराज जताया है। औरंगाबाद का नाम बदलने से खफा हुए AIMIM के सांसद इम्तियाज जलील ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसा और कहा कि जैसे ही उन्होंने सत्ता खोना शुरू किया, तो जाते-जाते उन्हें संभाजी महाराज की याद आ गई।
As they began losing power they took this decision…I want to tell Uddhav Ji that history can’t be changed, can change names…You’re setting a great example of cheap politics. Only people can decide which name of Aurangabad will stay:Imtiaz Jaleel,AIMIM MP from Aurangabad(29.6) pic.twitter.com/nKVHgdxNM5
— ANI (@ANI) June 30, 2022
जलील ने कहा, “मेरे हिसाब से 25-30 साल पहले जो घोषणा की गई थी, इसको सिर्फ ये चुनावी मुद्दा बनाते रहे, राजनीति का मुद्दा बनाते रहे और जब कुर्सी सरकने लगी तो यह फैसला लिया है। मैं उद्धव साहब को, शिवसेना को यह बताना चाहता हूँ कि इतिहास बदला नहीं जा सकता है, नाम बदले जा सकते हैं। जब आपके पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है तो आप इस तरह की घटिया राजनीति का बहुत अच्छा नमूना पेश करके आप जा रहे हैं। औरंगाबाद की जनता यह तय करने वाली है कि औरंगाबाद का नाम क्या रहेगा और क्या नहीं रहेगा।”
I’d like to tell Sharad Pawar & Sonia Gandhi that govt is existing with our support…If Govt takes such a step, where will we go?…I’d like to tell Sharad Pawar, Ajit Pawar, Ashok Chavan, Balasaheb Thorat, what do we do?It’s that Muslims are being sidelined. I condemn: Abu Azmi pic.twitter.com/WBppF2KmmB
— ANI (@ANI) June 29, 2022
वहीं समाजवादी पार्टी के विधायक एवं महाराष्ट्र अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा हो या एमवीए – जो बैसाखी पर चल रहा है – मुस्लिमों को दरकिनार करना चाहता है। उन्होंने कहा, “मुझे दुख है कि हम जिनका समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था कि 30 साल गलत लोगों के साथ रहने के बाद अब वे सेकुलर होंगे, आखिरी दिन ऐसा कर रहे हैं। मैं शरद पवार और सोनिया गाँधी को बताना चाहता हूँ कि सरकार हमारे समर्थन से अस्तित्व में है। अगर सरकार ऐसा कदम उठाती है, तो हम कहाँ जाएँगे? मैं शरद पवार, अजीत पवार, अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोराट को बताना चाहता हूँ कि मुस्लिमों को दरकिनार किया जा रहा है। मैं निंदा करता हूँ।”
श्री @AjitPawarSpeaks श्री @AshokChavanINC श्री @bb_thorat से कहना चाहूंगा की इन फसलों से महाराष्ट्र का मुसलमान खुद को महाविकास अघाड़ी से ठगा हुआ और दरकिनार महसूस रहा है।..(2/2)#MaharashtraPoliticalCrisis #Aurangabad #Osmanabad #MahaVikasAghadi
— Abu Asim Azmi (@abuasimazmi) June 29, 2022
इसके अलावा उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “मैं महाविकास अघाड़ी सरकार की कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने के फैसले की निंदा करता हूँ। साथ ही मुस्लिम आरक्षण को भी नजरअंदाज किया गया। हमारा समर्थन कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत है, लेकिन अब MVA भी वही कर रही है जो भाजपा करती है। मैं शरद पवार, अजीत पवार, अशोक चाव्हाण और बालासाहेब थोराट से कहना चाहूँगा कि इन फैसलों से महाराष्ट्र का मुसलमान खुद को महाविकास अघाड़ी से ठगा हुआ और दरकिनार महसूस रहा है।”
इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने इस फैसले से कॉन्ग्रेस को भी नाराज कर दिया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि कॉन्ग्रेस के ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्रियों को अपनी असहमति दर्ज करते हुए या प्रतीकात्मक वॉकआउट करते हुए इस निर्णय से खुद को अलग कर लेना चाहिए था। बताया जा रहा है कि इसके लिए कोशिश भी की गई थी। पार्टी के महाराष्ट्र के कुछ नेताओं ने संगठन के प्रभारी एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से संपर्क किया और उनके हस्तक्षेप की माँग की थी। हालाँकि आलाकमान ने किसी तरह के हस्तक्षेप इनकार कर दिया।
All our MLAs were present for trust vote today. But now the next strategy will be discussed in today's meeting (in Maharashtra Vidhan Bhavan)… there's no dispute in Congress regarding the name change of Aurangabad to Sambhajinagar: Maharashtra Congress leader Balasaheb Thorat pic.twitter.com/pNndNvoUFH
— ANI (@ANI) June 30, 2022
पार्टी आलाकमान को आशंका थी कि अगर पार्टी ने इन जगहों का नाम बदलने के फैसले से खुद को दूर कर लिया तो हिंदुओं की ओर से विरोध हो सकता है। कॉन्ग्रेस का महाराष्ट्र नेतृत्व पहले इन शहरों के नाम बदलने के कदम का विरोध कर चुका है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है, “उन्होंने (शिवसेना) कॉन्ग्रेस को इसमें शामिल कर लिया। शिवसेना हिंदुत्व के मुद्दे पर अच्छा दिखना चाहती थी। अब कॉन्ग्रेस पार्टी भी इस फैसले का भागीदार बन गई है। हम फैसले में फँस गए हैं। हमें परिणाम भुगतने होंगे।” हालाँकि महाराष्ट्र कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष बाला साहेब थोराट ने इस फैसले को लेकर पार्टी में किसी तरह के विवाद से इनकार किया है।