जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद ने राज्य की पुलिस पर निशाना साधते हुए उस पर एक से बढ़कर एक आरोप लगाए हैं। कॉन्ग्रेस नेता ने न सिर्फ़ जम्मू कश्मीर पुलिस को दुश्मन बताया बल्कि कहा कि वो निहत्थे लोगों का क़त्ल करती है और ज़्यादतियाँ करती है। ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा:
“जम्मू कश्मीर पुलिस भी कम दुश्मन नहीं है। उन्होंने कोई कम ज़्यादतियाँ नहीं की हैं। मैं उन पुलिसवालों को तो सलाम करता हूँ जिन्होंने अपनी जानें दी, लेकिन उसमें भी कुछ नासूर ऐसे थे जो अपने प्रमोशन और पैसे के लिए निहत्थे लोगों का क़त्ल करते थे। क्या वजह है कि 2014 तक हालात ठीक हो गए थे? क्या वजह है कि 2014 से लेकर आज तक हालात 1990-91 वाले हो गए हैं। उसके लिए अगर कोई ज़िम्मेदार है तो वो है देश का पीएम नरेंद्र मोदी।”
GN Azad,Congress in Kupwara: Vo(J&K Police) bhi kam dushman nahi hai. Unhone bhi kam zyadtiyaan nahi ki. Main salute karta hun unn police walon ko jinhone apni jaanein di, lekin usmein bhi kuch naasoor aise the jo apni promotion aur paise ke liye nihathe logon ka kathal karte the https://t.co/9fs6dctQtK
— ANI (@ANI) April 3, 2019
ग़ुलाम नबी आजाद का ये बयान काफ़ी चौंकाने वाला है क्योंकि वो राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। आज़ाद यूपीए और कॉन्ग्रेस सरकारों के दौरान कई अहम मंत्रालय भी संभाल चुके हैं। ऐसे में, एक राष्ट्रीय नेता की तरफ से जम्मू कश्मीर पुलिस की आलोचना और उन पर गंभीर आरोप लगाना अप्रत्याशित है। इस से पहले इस तरह की भाषा कश्मीर के अलगाववादी और आतंकी प्रयोग करते रहे हैं। ग़ुलाम नबी आज़ाद यहीं नहीं रुके, उन्होंने पीएम मोदी की तुलना हिटलर से कर डाली।
There are some cops who kill innocents for rewards and promotions: Senior Congress Leader Ghulam Nabi Azad | @deepduttajourno with details. pic.twitter.com/27AL585wcX
— TIMES NOW (@TimesNow) April 3, 2019
कुपवाड़ा में चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कश्मीर समस्या के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस के लिए पाकिस्तान से मिलता-जुलता बयान दिया। इस से पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख़्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राज्य के लिए अलग प्रधानमंत्री की व्यवस्था वाली बात कही थी। राज्य की एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती भी कुछ इसी तरह के बयान दे चुकी हैं। उन्होंने कहा था कि अगर आर्टिकल 35A से कोई छेड़छाड़ की गई तो कश्मीर के लोग तिरंगा छोड़कर न जाने कौन सा झंडा उठा लेंगे।