केरल के पेराम्बरा मस्जिद पर पत्थरबाजी के मामले में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और वामपंथी संगठन डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया गया है। ख़बरों के अनुसार दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं पर दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने के लिए केज रजिस्टर किया गया है। अखिलदास नाम के व्यक्ति सहित कुल 20 लोगों पर धारा 153A के तहत पुलिस ने दंगा भड़काने का भी केस दर्ज किया। इन सभी ने पिछले सप्ताह पेराम्बरा मस्जिद पर पत्थरबाजी की थी।
पेराम्बरा में DYFI और UDF के कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाले थे जिस दौरान ये घटनाएं हुई। डीवाईएफआई एक वामपंथी संगठन है और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार और केरल के पूर्व स्पीकर एम विजयकुमार सहित कई बड़े वामपंथी नेता इस संगठन में अहम पद संभल चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ यूडीएफ केरल में कांग्रेस के नेतृत्व में बना एक राजनितिक गठबंधन है जिसमे इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग सहित कुल छः पार्टियां शामिल है।
बता दें कि इसी मामले में सीपीआई ने 2 दिन पहले ही निष्पक्ष जांच की मांग की थी। बीते तीन जनवरी को सबरीमाला हड़ताल समीति द्वारा किये जा रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पेराम्बरा में मस्जिद पर पत्थरबाजी की गयी थी। ये विरोध प्रदर्शन सबरीमाला मंदिर में दो 50 से कम उम्र की महिलाओं द्वारा प्रवेश करने के बाद शुरू हुए थे। ख़बरों के अनुसार इस हड़ताल के शुरू होने के बाद से अब तक 5700 से भी ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और कईयों को नजरबन्द भी किया जा चुका है।
गुरुवार को हुए विरोध प्रदर्शन में कई संगठन शामिल थे। केरल के डीजीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस ने इस मामले में करीब तेरह सौ केस दर्ज किये हैं। सबरीमाला मामले को लेकर कई दिनों से लगातार वामपंथी दलों और श्रद्धालुओं के बीच हिंसक टकराव की स्थिति बन रही है जिसके कारण केरल में सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इसी सिलसिले में कोच्ची में कई भाजपा नेताओं के घरों पर भी हमले किये गए थे जिसके बाद वहां के डीएम ने एक शांति बैठक बुला कर वामदलों और भाजपा नेताओं को हड़ताली मार्च न निकालने की सलाह दी थी।