दिल्ली की लगभग हर गली, हर मोहल्ले, हर नुक्कड़ में आम आदमी पार्टी की सरकार का प्रचार-प्रसार करने वाले विज्ञापन आपने देखे होंगे। लेकिन, क्या आप जानते हैं बड़े-बड़े होर्डिंग, मेट्रो में प्रचार से लेकर अखबार के साथ आए पैम्पलेटों के जरिए दिल्ली के घर-घर पहुँचने के लिए अरविंद केजरीवाल की सरकार ने कितना खर्चा किया? शायद नहीं…। तो आइए आज आपको इसी सवाल का जवाब देते हैं।
प्रचार-प्रसार करके अपनी राजनीति साधना हर राजनैतिक पार्टी का काम है। मगर आम आदमी और क्राउड फंडिंग के जरिए खुद को स्थापित करने वाली पार्टी इसमें 2 कदम आगे निकल चुकी है। आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिर्फ़ अगस्त से लेकर जनवरी तक में आप सरकार ने प्रचार-प्रसार पर 43 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें से 29 करोड़ रुपए तो केवल बीते दिसंबर और जनवरी में खर्च किए गए।
इस आरटीआई को फाइल करने वाले का नाम विवेक कुमार है। विवेक एक्टिविस्ट हैं। उनकी बदौलत आम आदमी पार्टी की इस हकीकत का खुलासा हुआ है। इस तथ्य के सामने आने से यह भी पता चलता है कि केजरीवाल जनता के कितने बड़े हितैषी हैं। जनता का पैसा उसके कल्याण में इस्तेमाल न कर अपनी पार्टी के प्रचार-प्रसार में किया। एक बार फिर दोहरा दें कि केजरीवाल ने जनता के पैसे से 42.47 करोड़ रुपया सिर्फ अपनी पब्लिसिटी करने में खर्च किया।
गौरतलब है कि ये सिर्फ़ पहला मामला उजागर नहीं हुआ है, जहाँ केजरीवाल सरकार की हकीकत इस तरह से सामने आई है। इससे पहले एक आरटीआई से मालूम हुआ था कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने शुरुआती चार सालों में सालाना 78 करोड़ रुपए केवल विज्ञापन में खर्च किए। जबकि पूरे चार सालों को देखें तो ये खर्चा 300 करोड़ रुपए के पार था। जी हाँ, 2015 से 2019 तक पार्टी ने विज्ञापन में कुल 311.78 करोड़ खर्च किए।
इसके अतिरिक्त, 2015 में जब आम आदमी पार्टी सत्ता में आई तो उसने 2015-2016 में ₹81 करोड़ विज्ञापन में उड़ाए, जबकि 2016-17 में ये खर्चा 67.25 करोड़ था। सबसे ज्यादा विज्ञापन पर पैसा उड़ाने वाला साल अगर देखें तो आम आदमी पार्टी ने 2017-2018 में ₹117 करोड़ से ज्यादा खर्चा किया।