दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार (31 अगस्त 2022) को ‘दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल’ की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया था कि यह देश का पहला वर्चुअल स्कूल है। केजरीवाल के इस दावे को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) ने खारिज कर दिया है।
NIOS की अध्यक्ष सरोज शर्मा ने कहा कि संस्था ने 14 अगस्त 2021 को ही वर्चुअल स्कूल की शुरुआत की थी और इसका उद्घाटन तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया था। शर्मा ने दिल्ली सरकार के दावे को झूठा बताया।
दरअसल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा था, “आज हम दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से संबद्ध भारत का पहला वर्चुअल स्कूल- दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल शुरू कर रहे हैं। हम आज से कक्षा 9 के लिए प्रवेश आवेदन आमंत्रित कर रहे हैं। देश भर के छात्र प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।”
इतना ही नहीं, सीएम केजरीवाल ने कहा था, “छात्र दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल की लाइव कक्षाओं में भाग ले सकते हैं और रिकॉर्ड किए गए सत्र और अध्ययन सामग्री का उपयोग कर सकते हैं। हम छात्रों को जेईई और एनईईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद करेंगे।”
Students can attend live classes and access recorded class sessions and study material in Delhi Model Virtual School. We will also help the students to prepare for competitive exams like JEE and NEET: Delhi CM Arvind Kejriwal
— ANI (@ANI) August 31, 2022
देश का पहला वर्चुअल स्कूल खोलने के सीएम केजरीवाल के दावे के बाद NIOS ने बयान दिया। संस्था की अध्यक्ष सरोज शर्मा ने कहा, “मुझे यह पढ़कर आश्चर्य हुआ कि दिल्ली सरकार ने इसे कल लॉन्च किया। जहाँ तक देश में सबसे पहले शुरू करने का सवाल है तो हमने इसे राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया था। अभी तीसरा सत्र चल रहा है।”
NIOS started virtual school on 14th Aug 2021 & Education Min Dharmendra Pradhan launched it.I was surprised to read that Delhi Govt launched it y'day. As far as first in the country is concerned,we launched it on national scale,3rd session underway: Saroj Sharma, NIOS Chairperson pic.twitter.com/ALqWcmTEkA
— ANI (@ANI) September 1, 2022
केेंद्र का दावा है कि केजरीवाल सरकार के दावे से पहले ही देश में वर्चुअल स्कूल चल रहे हैं। केंद्र का कहना है कि देश भर के 7,000 से अधिक केंद्रों के माध्यम से 2.25 लाख से अधिक छात्र-छात्राएँ वर्चुअल शिक्षा ले रहे हैं।
इसके बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बयान जारी कर कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई और वर्चुअल स्कूल में फर्क होता है। केजरीवाल द्वारा स्थापित दिल्ली मॉडल वर्चुअल स्कूल कक्षा 9 से 12 तक के लिए पूरी तरह वर्चुअल है। दिल्ली सरकार ने कहा कि इसमें कोई हाइब्रिड व्यवस्था नहीं है।
केजरीवाल सरकार ने तर्क दिया कि कोरोना महामारी के दौरान लगभग सभी स्कूल ऑनलाइन क्लास ले रहे थे। इनमें से कई स्कूल अब भी डिजिटल माध्यम का उपयोग करते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या इन स्कूलों को भी वर्चुअल स्कूल मान लिया जाए। केजरीवाल सरकार का कहना है कि दोनों में फर्क होता है।