आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के दफ्तर पर सीबीआई की रेड चल रही है। इसे लेकर मनीष सिसोदिया ने ट्वीट भी किया है। उधर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि सीबीआई कोई छापेमारी नहीं कर रही है। कहा जा रहा है कि कुछ दस्तावेज प्राप्त करने के लिए सीबीबआई की टीम सिसोदिया के दफ्तर पहुँची हुई थी।
अपने दफ्तर में छापेमारी का दावा करते हुए मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर लिखा, “आज फिर CBI मेरे दफ्तर पहुँची है, उनका स्वागत है। इन्होंने मेरे घर पर रेड कराई, दफ्तर में छापा मारा, लॉकर तलाशे, मेरे गाँव तक में छानबीन करा ली। मेरे खिलाफ न कुछ मिला हैं न मिलेगा, क्योंकि मैंने कुछ गलत किया ही नहीं है। ईमानदारी से दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए काम किया है।”
आज फिर CBI मेरे दफ़्तर पहुँची है. उनका स्वागत है.
— Manish Sisodia (@msisodia) January 14, 2023
इन्होंने मेरे घर पर रेड कराई, दफ़्तर में छापा मारा, लॉकर तलशे, मेरे गाँव तक में छानबीन करा ली.मेरे ख़िलाफ़ न कुछ मिला हैं न मिलेगा क्योंकि मैंने कुछ ग़लत किया ही नहीं है. ईमानदारी से दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए काम किया है.
न्यूज़ एजेंसी एएनआई की तरफ से दिल्ली सचिवालय के बाहर की तस्वीरें ट्वीट की गई हैं। पोस्ट में दावा किया गया कि मनीष सिसोदिया के कार्यालय में सीबीआई की रेड चल रही है। दरअसल दिल्ली शराब घोटाले को लेकर सीबीआई की जाँच जारी है। इस मामले में सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को आरोपित नंबर एक बनाया है। प्राथमिकी में 14 अन्य नाम भी हैं, जिनमें दो कंपनियों के नाम शामिल हैं।
Visuals from outside the Delhi Secretariat where CBI raids are underway at the office of Delhi Deputy CM Manish Sisodia. pic.twitter.com/ljYXURuPmV
— ANI (@ANI) January 14, 2023
हालाँकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सीबीआई छापेमारी की बात से इनकार भी किया जा रहा है। आजतक की रिपोर्ट में सीबीआई सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सिसोदिया के कार्यालय में कोई छापेमारी नहीं की गई है। बल्कि सीबीआई की टीम कुछ कागजात हासिल करने सिसोदिया के दफ्तर पहुँची हुई थी।
गौरतलब है कि दारू घोटाले में घिरने के बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई (CBI) ने अक्टूबर 2022 में पूछताछ के लिए बुलाया था। सीबीआई ने उनसे करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी, जिसके बाद सिसोदिया ने दावा किया था कि CBI ने उन पर AAP छोड़ने का दबाव डाला। जाँच एजेंसी ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा था कि पूछताछ वैधानिक और पेशेवर तरीके से हुई है।