दिल्ली हाई कोर्ट ने CM अरविन्द केजरीवाल को निचली अदालत से दी गई जमानत पर स्थायी तौर पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने शुक्रवार (21 जून, 2024) को सुरक्षित रखा गया निर्णय सुनाते हुए कहा कि जमानत देते समय निचली अदालत ने इस मामले पर दिमाग नहीं लगाया और यह एकदम पूरी तरह अनुचित है।
मंगलवार (25 जून, 2024) को दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस सुधीर कुमार जैन ने इस मामले को सुना। कोर्ट ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की दलीलों को मान लिया। हाई कोर्ट ने कहा, “इस अदालत ने फैसला किया है कि निचली अदालत की अवकाश बेंच की जज ने रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत और ईडी की दलीलों का सही मूल्यांकन नहीं किया।”
हाई कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत ने मामले के पूरे कागजों पर जोर नहीं दिया जो कि पूरी तरह से अनुचित है और दिखाता है कि अदालत ने मामले के सबूतों पर पूरा दिमाग नहीं लगाया है। कोर्ट ने ED की यह दलील भी मानी कि निचली अदालत में सुनवाई के दौरान उसे बात रखने का पूरा मौका नहीं दिया गया था।
कोर्ट अब इस मामले में जुलाई में अगली सुनवाई करेगा। इस सुनवाई में ED की उस याचिका पर बहस होगी जिसमें उसने निचली अदालत के CM केजरीवाल को नियमित जमानत देने के फैसले को चुनौती दी है।
गौरतलब है कि दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को गुरुवार (20 जून, 2024) को दिल्ली शराब घोटाला मामले में राउज अवेन्यु कोर्ट की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी थी। उन्हें यह जमानत नियमित दी गई थी। इस दौरान ED ने माँग की थी इस फैसले पर 48 घंटे तक रोक लगाई जाए। हालाँकि, उसकी यह माँग नहीं मानी गई थी।
ED ने इस निर्णय के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दी थी। ED ने केजरीवाल को जमानत देने का विरोध किया था। इसी याचिका के आधार पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत पर रोक लगाई। CM केजरीवाल हाई कोर्ट की इस रोक विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट चले गए थे और यह रोक हटाने की माँग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी सोमवार (24 जून, 2024) को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के निर्णय पर रोक लगाने से मना कर दिया था।
इससे पहले निचली अदालत में ED ने साफ़ किया था कि उसके पास अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ पक्के सबूत हैं। एजेंसी ने कहा था कि उसके पास इस मामले में पैसे के लेनदेन तक की फोटो हैं। एजेंसी ने यह भी कहा कि CM केजरीवाल ने अपने फ़ोन का पिन बताने से भी मना किया, जो इस मामले में शंका पैदा करता है।
गौरतलब है कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में CM केजरीवाल को ED ने 21 मार्च, 2024 को गिरफ्तार कर लिया था। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ही इस पूरे मामले के सरगना हैं। एजेंसी का आरोप है कि दिल्ली में शराब नीति बदल कर निजी विक्रेताओं को फायदा पहुँचाया और उनसे बदले में लाभ प्राप्त किए।