दिल्ली नगर निगम (MCD) में आज 6 जनवरी 2023 को मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव है। इसके साथ ही स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों को भी चुना जाना है। इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्यों ने सदन में जमकर हंगामा किया। इतना ही नहीं, धक्का-मुक्की और कुर्सियाँ भी चलीं। AAP के पार्षद भाजपा पार्षदों से भीड़ गए। इसका वीडियो भी सामने आया है।
#WATCH | Delhi: BJP and AAP councillors clash with each other and raise slogans against each other ahead of Delhi Mayor polls at Civic Centre. pic.twitter.com/ETtvXq1vwM
— ANI (@ANI) January 6, 2023
वहीं, स्टोरी लिखे जाने तक सदन में मारपीट और हंगामे को लेकर सदन स्थगित किए जाने की खबर है। आगे की कार्रवाई के लिए पीठासीन अधिकारी निर्णय लेंगी। कहा जा रहा है कि इसके बाद भी अगर सदन में हंगामा जारी रहता है तो बैठक अगले दिन यानी शनिवार (7 जनवरी 2023) को भी बुलाई जा सकती है।
बता दें कि दिल्ली के सिविक सेंटर में मेयर का चुनाव हो रहा है। चुनाव की प्रक्रिया से पहले सभी नव-निर्वाचित पार्षदों को शपथ ग्रहण कार्यक्रम होना है। इन पार्षदों में वे पार्षद भी शामिल हैं, जिन्हें उप-राज्यपाल ने मनोनीत किया है। AAP के पार्षदों ने इन मनोनीत पार्षदों के शपथ ग्रहण का विरोध किया है।
मेयर चुनाव के लिए दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने भाजपा की पार्षद सत्या शर्मा को पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया। आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने इसका भी विरोध किया। AAP पार्षदों ने उप-राज्यपाल पर भाजपा का पक्ष लेने का आरोप लगाया। उधर, कॉन्ग्रेस ने मेयर की वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।
AAP के पार्षद प्रवीण राणा ने भाजपा पार्षदों पर सदन में मारपीट करने का आरोप लगाया है। प्रवीण राणा ने कहा कि उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई। उनका गला दबाया गया। इस पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर हमला बोला है।
मनीष सिसोदिया ने कहा, “MCD में अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए और कितना गिरोगे भाजपा वालो! चुनाव टाले, पीठासीन अधिकारी की गैरकानूनी नियुक्ति, मनोनीत पार्षदों की गैरकानूनी नियुक्ति और अब जनता के चुने पार्षदों को शपथ न दिलवाना। अगर जनता के फैसले का सम्मान नहीं कर सकते तो फिर चुनाव ही किसलिए?”
MCD में अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए और कितना गिरोगे भाजपा वालो!
— Manish Sisodia (@msisodia) January 6, 2023
चुनाव टाले, पीठासीन अधिकारी की ग़ैरक़ानूनी नियुक्ति, मनोनीत पार्षदों की ग़ैरक़ानूनी नियुक्ति, और अब जनता के चुने पार्षदों को शपथ न दिलवाना….
अगर जनता के फ़ैसले का सम्मान नहीं कर सकते तो फिर चुनाव ही किसलिए?
हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली के नगर निगम चुनावों में AAP को बहुमत मिला है। इसके बाद भी भाजपा ने मेयर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारा है। भाजपा ने मेयर चुनाव के लिए अपने वरिष्ठ नेता रेखा गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है। रेखा गुप्ता तीसरी बार पार्षद चुनी गई हैं। वहीं, AAP ने पार्षद शैली ओबेरॉय को मेयर प्रत्याशी बनाया है।
इस चुनाव में कुछ विधायक और सांसद भी वोट डालेंगे। दिल्ली विधानसभा में संख्या बल के आधार पर 14 में से 13 नामित विधायक AAP के हैं। ये मेयर चुनाव में वोट डालेंगे। वहीं, 10 सांसदों को भी वोटिंग अधिकार है। इनमें से 7 भाजपा के हैं और 3 AAP के राज्यसभा सांसद हैं।
इसी तरह नगर निगम में 274 चुने हुए पार्षदों को वोटिंग का अधिकार है। इनमें से 150 पार्षद AAP के हैं, जबकि भाजपा के 113 पार्षद हैं। ऐसे में मेयर का चुनाव महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि एमसीडी में दल-बदल कानून लागू नहीं होता है। इसमें व्हिप भी काम नहीं करता है।