दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस साल अप्रैल में कोरोना वायरस महामारी से लड़ते हुए अपनी जान गँवाने वाले योद्धाओं को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की थी।
If anyone loses their life while serving any #COVID19 patient, be it sanitation workers, doctors or nurses or any other staff, temporary or permanent, from private or government sector, their family will be given Rs 1 crore as our mark of respect for their service.
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 1, 2020
वहीं इस साल मई में दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल अमित कुमार ने उत्तरी दिल्ली में अपनी ड्यूटी निभाते हुए कोरोनोवायरस से संक्रमित होने के दौरान अपनी जान गँवा दी। उनकी पत्नी उस वक्त अपने दूसरे बच्चे के साथ गर्भवती थी। केजरीवाल ने उन्हें 1 करोड़ रुपए मुआवजे का वादा किया।
अमित जी अपनी जान की परवाह ना करते हुए करोना की इस महामारी के समय हम दिल्ली वालों की सेवा करते रहे। वे खुद करोना से संक्रमित हो गए और हमें छोड़ कर चले गए। उनकी शहादत को मैं सभी दिल्लीवासियो की ओर से नमन करता हूँ। उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी। https://t.co/n1eNmZNNCw
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) May 7, 2020
लेकिन उन्हें अभी तक दिल्ली सरकार की तरफ से मुआवजा नहीं मिला है। इतना ही नहीं कॉन्स्टेबल अमित की पत्नी ने नॉर्थ एमसीडी स्कूल में एक शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी भी खो दी। कॉन्स्टेबल अमित के कोरोनावायरस संक्रमित होने के बाद उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती होना पड़ा था जिस दौरान उन्हें अपनी दूसरी गर्भावस्था का पता चला था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, कोरोना वायरस से लड़ते हुए दिल्ली पुलिस के 17 कर्मियों ने अपनी जान इस महामारी से संक्रमित होने होने की वजह से गँवाई है। दिल्ली सरकार की तरफ से इनमें से किसी को भी आर्थिक मदद के रूप में मुआवजा नहीं दिया गया है।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने इस बात की पुष्टि की है कि सभी 17 परिवार अभी भी दिल्ली सरकार से मुआवजे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर परिवार पहले ही राजस्व विभाग को दस्तावेज सौंप चुके हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने कुछ प्रस्तावों के लिए कुछ प्रश्न उठाए थे और सभी के जवाब भेजे गए थे।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार के प्रवक्ता ने दावा किया कि उन्हें अभी तक दिल्ली पुलिस से सभी कागजात नहीं मिले हैं। द हिंदू को सहायक उप-निरीक्षक करमबीर सिंह के पुत्र पवन कुमार ने बताया कि उन्होंने सभी दस्तावेज जमा कर दिए हैं और उन्हें सूचित किया गया कि उनकी फ़ाइल पहले से ही संसाधित है। हालाँकि, उन्हें अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला है। इसी तरह, सब-इंस्पेक्टर राम लाल बोरघरे के बेटे आकाश बोरघरे को भी दिल्ली सरकार से कोई मुआवजा नहीं मिला है।