दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को दिल्ली की राउज अवेन्यु कोर्ट ने शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है। CM केजरीवाल को प्रर्वतन निदेशालय ने दिल्ली शराब घोटाला मामले में 21 मार्च, 2024 को गिरफ्तार किया था।
दिल्ली की राउज अवेन्यु कोर्ट में एक विशेष अदालत ने इस मामले सुनवाई की। CM केजरीवाल ने इस अदालत के सामने नियमित जमानत के लिए याचिका लगाई हुई थी। इस मामले की सुनवाई जज नियय बिंदु ने की। उन्होंने पहले इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
गुरुवार (20 जून, 2024) को इस मामले का फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दे दी। CM केजरीवाल को कोर्ट ने ₹1 लाख के मुचलके पर जमानत दी है। उनके शुक्रवार (21 जून, 2024) को जेल से बाहर आने के कयास हैं। वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
इस मामले की सुनवाई के दौरान ED ने कोर्ट से माँग की कि केजरीवाल का मुचलका तब तक ना जमा किया जाए जब तक इस मामले के खिलाफ उच्च न्यायालय में चुनौती दी सके। इसके लिए ED ने 48 घंटों की माँग की थी। हालाँकि, कोर्ट ने एजेंसी की यह माँग मानने से इनकार कर दिया।
इस मामले की सुनवाई के दौरान ED ने स्पष्ट किया कि उसके पास दिल्ली शराब घोटाला के पक्के सबूत हैं। एजेंसी ने कहा कि उसके पास इस मामले में पैसे के लेनदेन तक की फोटो हैं। एजेंसी ने यह भी कहा कि CM केजरीवाल ने अपने फ़ोन का पिन बताने से भी मना किया, जो इस मामले में शंका पैदा करता है।
एजेंसी ने यह भी साफ़ कर दिया कि अगर केजरीवाल निजी तौर पर इस मामले में नहीं भी शामिल हैं तो भी उन पर मुकदमा चल सकता है क्योंकि AAP के मुखिया वही हैं और मामले में AAP को भी आरोपित बनाया गया है। वहीं केजरीवाल के पक्ष ने कहा कि उन पर लगाए आरोपों का कोई सबूत मौजूद नहीं है।
गौरतलब है कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में CM केजरीवाल को ED ने 21 मार्च, 2024 को गिरफ्तार कर लिया था। एजेंसी ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ही इस पूरे मामले के सरगना हैं। एजेंसी का आरोप है कि दिल्ली में शराब नीति बदल कर निजी विक्रेताओं को फायदा पहुँचाया और उनसे बदले में लाभ प्राप्त कि।