मध्यप्रदेश में उपचुनाव के नतीजे पक्ष में न आने के कारण कॉन्ग्रेस ने एक बार फिर अपना पुराना ढर्रा अपना लिया है। पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह जो कुछ समय पहले तक खुद दूसरे नेताओं को पार्षदी का लालच देकर चुनाव से अपना नाम वापस लेने को कह रहे थे वो अब लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं।
मध्यप्रदेश उपचुनाव के नतीजों पर दिग्विजय सिंह का कहना है, “मैंने आपसे सुबह कहा था कि चुनाव लोकतंत्र और नोटतंत्र के बीच है। जनता और प्रशासन के बीच है। नोटतंत्र जीत गया, लोकतंत्र हार गया।” उल्लेखनीय है कि यहाँ पर कॉन्ग्रेस नेता का मतलब लोकतंत्र से उनकी पार्टी है जबकि नोटतंत्र से भाजपा पार्टी।
मैंने आपसे सुबह कहा था कि चुनाव लोकतंत्र और नोटतंत्र के बीच है। जनता और प्रशासन के बीच है। नोटतंत्र जीत गया, लोकतंत्र हार गया : मध्य प्रदेश उपचुनाव के नतीजों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह pic.twitter.com/T1SfNT3tZN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 10, 2020
बता दें कि इससे पहले दिग्विजय सिंह ने दावा करते हुए कहा था, “EVM से चयनात्मक छेड़छाड़ की जाती है। ऐसी सीटें हैं जो हम किसी भी परिस्थिति में नहीं हारे होंगे लेकिन हमने हजारों वोटों से हारे हैं। हम कल एक बैठक करेंगे और परिणामों का विश्लेषण करेंगे।”
3 नवंबर को भी दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था तकनीकी युग में विकसित देश ईवीएम पर भरोसा नहीं करते, लेकिन भारत और कुछ छोटे देशों में ईवीएम से चुनाव होते हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा था कि विकसित देश क्यों नहीं कराते। क्योंकि उन्हें ईवीएम पर भरोसा नहीं है, क्योंकि जिसमें चिप है, वह ‘हैक’ हो सकती है।
EVMs are not tamper-proof, and selective tampering is done. There are seats that we would have not lost in any circumstance but we did by thousands of votes. We’ll hold a meeting tomorrow & analyse the results: Congress leader Digvijaya Singh #MadhyaPradeshbyelection pic.twitter.com/m0xvCcHdzG
— ANI (@ANI) November 10, 2020
वहीं कार्ति चिदंबरम ने बिहार और मध्यप्रदेश में कॉन्ग्रेस को पिछड़ता देखने के बावजूद ईवीएम पर अपना विश्वास दिखाया है। उन्होंने कहा, ”चाहे चुनाव के रिजल्ट कुछ भी आएँ। ये समय है कि ईवीएम को दोष देना बंद किया जाए। मेरे अनुभव के हिसाब से ईवीएम मजबूत, सटीक और भरोसेमंद प्रणाली है।”
Whatever be the outcome of any election, it’s time to stop blaming the EVM. In my experience, the EVM system is robust, accurate and dependable. @ECISVEEP
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) November 10, 2020
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में उपचुनाव के रुझानों ने कॉन्ग्रेस को नाउम्मीद कर दिया है। अभी तक की मतगणना में भाजपा 21 सीटों पर और कॉन्ग्रेस केवल 6 सीटों पर आगे चल रही है।
कॉन्ग्रेस को उपचुनावों में कम से कम 20 सीटें जीतने की उम्मीद थी, लेकिन उपचुनाव के नतीज़े कॉन्ग्रेस के पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं। 12 मंत्रियों सहित कुल 355 उम्मीदवारों ने 3 नवंबर को उपचुनाव लड़े।
मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में आ रहे रुझानों के बाद ये साफ हो गया है कि अब कॉन्ग्रेस के लिए उम्मीदें समाप्त हैं। 21 सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है और मांधाता में पहला नतीजा भी बीजेपी के खाते में गया है। दोपहर होते-होते भाजपा को जो बढ़त मिलती देखी जा रही थी, उनका नतीजों में तब्दील होना लगभग तय माना जा रहा है।