प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन केस में बयान दर्ज करवाने के लिए आठवीं बार समन भेजा है। शनिवार (13 जनवरी, 2024) को भेजे गए समन में ईडी ने सीएम सोरेन को जवाब देने के लिए 16 से 20 जनवरी तक का वक्त दिया है।
इसके लिए उन्हें इन पाँच दिनों के बीच ED के राँची के क्षेत्रीय दफ्तर में हाजिर होने को कहा गया है। जाँच एजेंसी ने समन में उनसे पूछा है कि वे बयान दर्ज कराने के लिए हाजिर क्यों नहीं हो रहे हैं? इससे जाँच में बाधा पैदा हो रही है। इस पर राज्य से बीजेपी MP निशिकांत दुबे ने सोरेन के इस्तीफे की माँग की है।
इससे पहले ईडी इस केस में सीएम सोरेन को सात समन भेज चुकी है। हालाँकि हर बार उन्होंने समन को नजरअंदाज कर दिया। जमीन घोटाला केस में ईडी की तरफ से अगस्त 2023 से ही हेमंत सोरेन को समन भेजने की शुरुआत हो चुकी है।
आठवें समन से पहले दिसंबर 2023 के आखिरी हफ्ते में भेजे गए 7वें समन में ईडी ने सोरेन से खुद ही पूछताछ के लिए जगह, वक्त और तारीख बताने को कहा था। इसके लिए जाँच एजेंसी ने उन्हें 7 दिन का वक्त दिया था।
सीएम सोरेन ने 2 जनवरी, 2024 को ईडी को पत्र भेज समन की तार्किकता और वैधता पर प्रश्नचिह्न लगाया था। बताते चलें कि सीएम सोरेन सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ED की जाँच पर रोक लगाने की अपील की थी। हालाँकि दोनों कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दी है।
आप के पाप के लिए 4 था और झारखंड के मुख्यमंत्री के डकैती के लिए 8 वाँ सम्मन कोई मायने नहीं रखता ।केजरीवाल जी तो हल्ला मचा रहे हैं,हमारा मुख्यमंत्री तो चुपचाप रज़ाई में घुसकर जाड़ा काट रहे हैं ।कम से कम शिबू सोरेन जी का इज़्ज़त तो रखिए,इस्तीफ़ा दीजिए व एजेंसियों के प्रश्न का जवाब…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) January 13, 2024
सीएम सोरेन पर निशाना साधते हुए गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “AAP के पाप के लिए तो 4 था, झारखंड के मुख्यमंत्री के डकैती के लिए 8वाँ समन कोई मायने नहीं रखता। केजरीवाल जी तो हल्ला मचा रहे हैं, हमारा मुख्यमंत्री तो चुपचाप रज़ाई में घुसकर जाड़ा काट रहे हैं। कम से कम शिबू सोरेन जी की इज़्ज़त तो रखिए, इस्तीफ़ा दीजिए व एजेंसियों के प्रश्न का जवाब दीजिए।”
बताते चलें कि सीएम हेमंत सोरेन पर अवैध खनन लीज पट्टे और अवैध जमीन घोटाला कुल दो केस चल रहे हैं। जमीन घोटाले में उनके खिलाफ ईडी केस दर्ज कर अरेस्ट वॉरंट जारी कर सकती है। वहीं अवैध खनन घोटाले में भी ED उन पर शिकंजा कस सकती है।
ईडी राँची के जिस जमीन घोटाले में सीएम सोरेन को को पूछताछ के लिए तलब कर रही है। ये जाँच एक सर्कल ऑफिसर की से शुरू हुई थी। इसका दायरा बढ़कर कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के दफ्तर तक पहुँचा था। वहीं ये खुलासा हुआ कि 36 फर्जी डीड और कागजात के जरिए सैंकड़ों एकड़ जमीन का फर्जी सौदा किया गया है। इस फर्जीवाड़े में छोटे दफ्तर के अधिकारी से लेकर जिले के उपायुक्त और बड़े-बड़े कारोबारियों का नाम आया हैं और इन सबके तार आखिर में सीएम हेमंत सोरेन से जुड़ गए।
वहीं चुनाव आयोग से जुड़े केस में कभी भी उनके खिलाफ राज्य के राज्यपाल पत्र जारी कर सकते हैं। बताते चलें कि चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9-ए के उल्लंघन का दोषी पाया। हेमंत सोरेन पर सीएम और खनन मंत्री रहते हुए कथित तौर पर अपने पद का बेजा इस्तेमाल करने का आरोप भी है। इस सबके बीच बीते साल दिसंबर में हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के राज्य की मुख्यमंत्री बनने की खबरें भी सुर्खियों में रही।