Monday, November 18, 2024
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अनिल देशमुख के खिलाफ ED ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस, कॉन्ग्रेस ने कहा- महाविकास अगाड़ी को बदनाम करने की चाहत

देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किए जाने के बाद एनसीपी और कॉन्ग्रेस नेता उनके बचाव में उतर गए हैं। उन्होंने इसे बदले की राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अनिल देशमुख के खिलाफ यह कार्रवाई पीएम मोदी द्वारा कोरोना संकट में उनके कुप्रबंधन से ध्यान हटाने के लिए की गई है।

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार (11 मई 2021) को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने ईडी के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। एएनआई के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया है।

बताया जा रहा है कि देशमुख के खिलाफ केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पिछले महीने 24 अप्रैल को दर्ज की गई एफआईआर का अध्ययन करने के बाद धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया गया है। इसके तहत प्रवर्तन निदेशालय अब देशमुख (71 वर्षीय) और अन्य लोगों को पूछताछ के लिए तलब कर सकता है।

देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किए जाने के बाद एनसीपी और कॉन्ग्रेस नेता उनके बचाव में उतर गए हैं। उन्होंने इसे बदले की राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अनिल देशमुख के खिलाफ यह कार्रवाई पीएम मोदी द्वारा कोरोना संकट में उनके कुप्रबंधन से ध्यान हटाने के लिए की गई है। कॉन्ग्रेस दावा कर रही है कि भाजपा महाविकास अगाड़ी और उनकी पार्टी को बदनाम करना चाहती है। इसलिए वह ऐसा कर रही है।

एक बयान में एनसीपी नेता नवाब मलिक ने दावा किया, “ईडी द्वारा सिंह के आरोपों के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया, यह सभी राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य शक्ति का दुरुपयोग करके देशमुख को बदनाम करना है। यह स्पष्ट है कि भाजपा सीबीआई, ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके राजनीति कर रही है, जो भी कानूनी पहलू हैं, देशमुख जाँच में सहयोग करेंगे।”

गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की एफआईआर को चुनौती देने वाली देशमुख की याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने रिश्वत के आरोपित को निर्देश दिया था कि अगर जरूरत पड़ी तो उनके केस की जरूरत के आधार पर हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच को स्थानांतरित किया जाएगा।

मालूम हो कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि जब वो महाराष्ट्र के गृह मंत्री थे, तब उन्होंने मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था। वहीं देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई जाँच के आदेश के बाद देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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