महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार (11 मई 2021) को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने ईडी के सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। एएनआई के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया है।
बताया जा रहा है कि देशमुख के खिलाफ केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पिछले महीने 24 अप्रैल को दर्ज की गई एफआईआर का अध्ययन करने के बाद धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया गया है। इसके तहत प्रवर्तन निदेशालय अब देशमुख (71 वर्षीय) और अन्य लोगों को पूछताछ के लिए तलब कर सकता है।
Enforcement Directorate (ED) has registered a case of money laundering against former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh. The case has been registered on the basis of CBI’s FIR: Enforcement Directorate (ED) sources pic.twitter.com/4a2Y2KSumQ
— ANI (@ANI) May 11, 2021
देशमुख के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किए जाने के बाद एनसीपी और कॉन्ग्रेस नेता उनके बचाव में उतर गए हैं। उन्होंने इसे बदले की राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अनिल देशमुख के खिलाफ यह कार्रवाई पीएम मोदी द्वारा कोरोना संकट में उनके कुप्रबंधन से ध्यान हटाने के लिए की गई है। कॉन्ग्रेस दावा कर रही है कि भाजपा महाविकास अगाड़ी और उनकी पार्टी को बदनाम करना चाहती है। इसलिए वह ऐसा कर रही है।
माजी गृहमंत्री @AnilDeshmukhNCP यांच्यावर ईडीने गुन्हा दाखल केल्याचे वृत्त आहे. राजकीय हेतूने व सत्तेचा वापर करून त्यांना बदनाम करण्यासाठी हे कारस्थान सुरू आहे, अशी प्रतिक्रिया राष्ट्रवादी काँग्रेसचे राष्ट्रीय प्रवक्ते आणि अल्पसंख्याक मंत्री ना. @nawabmalikncp यांनी दिली आहे. pic.twitter.com/Bp9nsWDEM4
— NCP (@NCPspeaks) May 11, 2021
एक बयान में एनसीपी नेता नवाब मलिक ने दावा किया, “ईडी द्वारा सिंह के आरोपों के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया, यह सभी राजनीति से प्रेरित है और इसका उद्देश्य शक्ति का दुरुपयोग करके देशमुख को बदनाम करना है। यह स्पष्ट है कि भाजपा सीबीआई, ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके राजनीति कर रही है, जो भी कानूनी पहलू हैं, देशमुख जाँच में सहयोग करेंगे।”
गौरतलब है कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की एफआईआर को चुनौती देने वाली देशमुख की याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने रिश्वत के आरोपित को निर्देश दिया था कि अगर जरूरत पड़ी तो उनके केस की जरूरत के आधार पर हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच को स्थानांतरित किया जाएगा।
मालूम हो कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि जब वो महाराष्ट्र के गृह मंत्री थे, तब उन्होंने मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था। वहीं देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई जाँच के आदेश के बाद देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।