मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व नेता और पंजाब के मौजूदा विधायक सुखपाल सिंह खैरा के चंडीगढ़ स्थित घर समेत कई ठिकानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत छापेमारी की है।
रिपोर्टों के अनुसार, PMLA मामला मादक पदार्थों की तस्करी और नकली पासपोर्ट से जुड़ा हुआ है। ईडी के अधिकारी खैरा के बैंक लेनदेन और संपत्ति के कागजात को भी देख रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, पंजाब के पाँच स्थानों, दिल्ली के दो स्थानों और चंडीगढ़ के एक स्थान पर तलाशी ली गई। ईडी के अधिकारी मंगलवार (मार्च 9, 2021) सुबह चंडीगढ़ के सेक्टर-5 में सुखपाल सिंह खैरा के घर पहुँचे और उनकी संपत्ति की तलाशी ली। कपूरथला में उनके पैतृक घर पर भी छापा मारा गया। उनका बेटा, महिताब सिंह, जो चंडीगढ़ में रहता है, अपने पैतृक गाँव में था।
ईडी अधिकारियों के वाहनों को मौके पर पहुँचने के बाद महिताब ने अपनी कार निकाली और वहाँ से चले गए। इस बीच, खैरा ने निर्दोष होने की दलील दी और कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय ने उसके चचेरे भाई सह कोषाध्यक्ष कुलबीर सिंह से भी पूछताछ की।
खैरा AAP के साथ अपने कार्यकाल के दौरान पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। 2019 में, उन्होंने अपनी पंजाब एकता पार्टी शुरू की और राज्य विधानसभा में 2 सीटें जीतीं। वह केंद्र सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में मदद करने के लिए बनाए गए नए कृषि कानूनों के भी मुखर आलोचक रहे हैं। खैरा के वकील ने अब आरोप लगाया है कि उन्हें किसानों का समर्थन करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब खैरा विवादों में हैं। इससे पहले वर्ष 2015 में उनके खिलाफ ड्रग्स तस्करी के मामले में भी मामला दर्ज किया गया था। फाजिल्का कोर्ट ने कुछ ड्रग्स तस्करों की गिरफ्तारी के बाद खैरा को समन किया था। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए तस्करों से 2 किलो हेरोइन, 24 जीबी बिस्किट, दो पाकिस्तानी सिम कार्ड और एक देशी पिस्टल बरामद की थी। खैरा पर आरोप है कि वह अपने पर्सनल सेक्रेटरी के फोन से तस्करों से बात किया करते थे।
इस मामले में खैरा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने भी उनकी माँग ठुकरा दी थी जिसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट गए। जहाँ सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट पर रोक लगा दी थी। इस मामले में 9 ड्रग्स तस्कर गिरफ्तार किए गए थे। वहीं खैरा को समन किए जाने के बाद पीईपी के विधायक को अतिरिक्त आरोपित बनाया गया था।