प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तृणमूल कॉन्ग्रेस के राज्यसभा सांसद केडी सिंह और उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की। नई दिल्ली और चंडीगढ़ में 7 जगहों पर छापेमारी हुई। साथ ही अल्केमिस्ट ग्रुप से जुड़ी 14 पंजीकृत कंपनियों के कार्यालय पर भी छापे डाले गए। इसका संचालन केडी सिंह ही करते थे।
छापेमारी के दौरान ईडी ने लेनदेन से संबंधित कई कागजात, डिजिटल सबूत के साथ ही संपत्ति से संबंधित दस्तावेज जब्त किए। इसके अलावा केडी सिंह के दिल्ली स्थित आवास से 10,000 अमेरिकी डॉलर के साथ ही 32 लाख रुपए की नकदी बरामद हुई।
एजेंसी ने कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर नई दिल्ली के तुगलक लेन स्थित केडी सिंह के आधिकारिक निवास, चंडीगढ़ में उनके निवास और दो अलग-अलग कंपनियों के निदेशकों के आवासों की तलाशी ली।
कोलकाता पुलिस द्वारा राज्यसभा सांसद केडी सिंह, उनके बेटे करनदीप सिंह, अल्केमिस्ट टाउनशिप इंडिया लिमिटेड, अल्केमिस्ट होल्डिंग्स लिमिटेड और अन्य कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी और साजिश के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इन पर हजारों ग्राहकों को धोखा देने का आरोप है। कोलकाता पुलिस की एफआईआर के आधार पर ईडी ने 2018 में PMLA के तहत जाँच शुरू की।
ईडी के अनुसार, टीएमसी सांसद ने अपनी कंपनियों के माध्यम से निवेश की आड़ में ग्राहकों को उच्च रिटर्न का लालच देकर भारी मात्रा में पैसे जुटाए। एजेंसी ने बताया कि अब तक की जाँच में पता चला है कि जनता से जुटाई गई इन धनराशि का उपयोग अभीष्ट उद्देश्य के लिए नहीं किया गया था और इन्हें अलग-अलग समूह की कंपनियों के पास भेज दिया गया और जनता से जुटाए पैसे को फर्जी तरीके से छिपाने के लिए सर्कुलर के जरिए स्थानांतरित किया गया।
चिटफंड और आवास घोटाले से जुड़े मामले में सबूतों जुटाने को लेकर छापेमारी की गई। यह घोटाला करीब 1,900 करोड़ रुपए का है। एजेंसी ने इस साल के शुरुआत में केडी सिंह से संबंधित अल्केमिस्ट इंफ्रा रियल्टी लिमिटेड कंपनी की 239 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त किया था।