एनसीपी नेता और पूर्व उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पेटल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने दीपक तलवार अवैध विमानन सौदे मामले में प्रफुल्ल पटेल को समन भेजकर 6 जून को पेश होने के लिए कहा है। प्रफुल्ल पटेल पर आरोप है कि यूपीए सरकार के दौरान जब प्रफुल्ल पेटल नागरिक उड्डयन मंत्री थे, उस समय दीपक तलवार को गलत तरीके से फायदा पहुँचाया गया था। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस पर प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि अधिकारियों के साथ जाँच में सहयोग करने पर उन्हें खुशी होगी। उन्होंने कहा कि वो विमानन क्षेत्र की जटिलताओं के बारे में जाँच एजेंसी को बताएँगे।
Enforcement Directorate Lawyer: ED summons Praful Patel in the Deepak Talwar illicit aviation deals case, on June 6. pic.twitter.com/l2C3oSG6x2
— ANI (@ANI) June 1, 2019
विमानन लॉबिस्ट दीपक तलवार की गिरफ्तारी के बाद हुए कुछ खुलासों और एजेंसी द्वारा जुटाए गए सबूतों के मद्देनजर पटेल से सवाल-जवाब किया जाना है। एजेंसी ने हाल ही में दीपक तलवार को नामजद करते हुए आरोपपत्र दाखिल किया है। उसमें कहा गया है कि तलवार लगातार पटेल के संपर्क में था। यूपीए सरकार में जब पटेल उड्डयन मंत्री थे, उस दौरान एयर इंडिया ने 111 विमान खरीदने का निर्णय लिया था, जिसमें 43 एयरबस के विमान शामिल थे।
केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2017 में अपने एफआईआर में जिक्र किया है कि इस प्रकार की महत्वाकांक्षी खरीद के ऑर्डर आवश्यकताओं का अध्ययन, आवश्यक पारदर्शिता के बिना दिए गए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। 2014 में तलवार, सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा के आधिकारिक आवास पर तकरीबन 63 बार मिलने गया था। इसको लेकर भी तलवार जाँच के दायरे में है। एयरबस ने अगस्त और सितंबर 2012 के बीच तलवार के अंतर्गत चलने वाली कंपनियों के लिए 10.5 मिलियन डॉलर के दो ट्रांसफर किए और खास बात ये है कि ये ट्रांसफर उसी समय किए गए, जब यूपीए शासनकाल के तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमानों की खरीद के आदेश दिए थे।
गौरतलब है कि, ईडी ने अगस्त 2017 में इसकी जाँच शुरू की थी। पूछताछ से बचने के लिए दीपक देश छोड़कर भाग गया था, मगर इसी साल 31 जनवरी को उसे इमिग्रेशन डिपार्टमेंट के अफसरों ने दुबई से प्रत्यर्पण करवाया और फिर बाद में ईडी ने उसे गिरफ्तार किया था। तलवार के साथ-साथ यूपीए शासनकाल के हाई प्रोफाइल लॉबिस्ट राकेश सक्सेना को भी दुबई से प्रत्यार्पित करके लाया गया था।
ईडी के एक अधिकारी का कहना है कि जाँच में पता चला कि दीपक तलवार नेताओं और मंत्रियों (प्रफुल्ल पेटल और दूसरे उड्डयन मंत्रियों) के साथ दलाली और लॉबिंग करता था। वह एयर अरबिया और कतर एयरवेज को गलत फायदा पहुँचा रहा था। तलवार पर आरोप है कि उसने 2008-09 के बीच इन एयरलाइंस को गलत फायदा पहुँचाया और जिसका नुकसान सरकारी एयरलाइंस एअर इंडिया को उठाना पड़ा। ईडी ने पाया कि अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस के द्वारा दीपक तलावर के बैंक ऑफ सिंगापुर के अकाउंट में ₹270 करोड़ जमा हुए हैं, जबकि उसने अपने एक एनजीओ के द्वारा ₹88 करोड़ प्राप्त किया।