देशभर में लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर आचार संहिता लागू है। इसी के तहत चुनाव आयोग ने कॉन्ग्रेस के 9 में से 6 विज्ञापन रद्द कर दिए हैं। चुनाव आयोग ने 6 विज्ञापन खारिज कर कॉन्ग्रेस के इलेक्ट्रॉनिक प्रचार अभियान को बड़ा झटका दिया है। चुनाव आयोग की विशेषज्ञ कमेटी के अनुसार, कॉन्ग्रेस के ये वीडियो विज्ञापन आचार संहिता की भावना के खिलाफ थे। इनमें से एक विज्ञापन में राफेल डील पर व्यंग्य भी किया गया था।
मध्य प्रदेश कॉन्ग्रेस ने अपने कुल 9 विज्ञापनों को चुनाव आयोग के पास अनुमति के लिए भेजा था, जिसमें से 6 पर आपत्ति जताई गई है। चुनाव आयोग का कहना है कि इसमें राफेल विवाद से जुड़ा भी एक विज्ञापन है और चूँकि अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है, इसलिए इसे चुनाव प्रचार में इस्तेमाल करना सही नहीं होगा। इसके साथ ही एक विज्ञापन वीडियो में शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति पर व्यंग्य किया गया है, तो दूसरे में इंजेक्शन सिरिंज में तिरंगा कलर में लिक्विड भरा है।
वीडियो विज्ञापन के खारिज हो जाने को लेकर कॉन्ग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग मोदी सरकार के दबाव में काम कर रही है। शोभा ओझा ने आयोग पर गुस्सा निकालते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस के आधा दर्जन चुनावी विज्ञापन और वीडियो सिर्फ इसलिए रोक दिए गए क्योंकि उनमें राफेल की फाइल, जुमला, अंधभक्त, स्मार्टसिटी और 56 इंच जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है। उन्होंने बताया कि विज्ञापनों में ये सभी शब्द व्यंग्य के रूप में डाले गए हैं। इसके साथ ही शोभा ओझा ने यह दावा किया कि आयोग की आपत्ति आधारहीन है। निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र और संवैधानिक संस्था है, उसे विज्ञापन जारी करने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कॉन्ग्रेस ने इस मुद्दे पर आयोग में अपील कर दी है और यदि न्याय नहीं मिला, तो इन विज्ञापनों को लेकर पार्टी जनता के बीच भी जाएगी।
गौरतलब है कि राफेल विमान सौदे में कथित घोटाले को लेकर कॉन्ग्रेस आक्रामक रुख अख्तियार करती आई है। राफेल मामले को लेकर ही कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया था, जिसको लेकर कॉन्ग्रेस चुनाव में आगे बढ़ना चाह रही है। मगर फिलहाल चुनाव आयोग ने इसे खारिज कर दिया है। कॉन्ग्रेस की तरफ से तो यहाँ तक कहा जा रहा है कि अगर उनकी सरकार आती है, तो वह राफेल मामले की जाँच भी करवा सकते हैं।
इससे पहले फेसबुक ने सोमवार (अप्रैल 1, 2019) को कॉन्ग्रेस को झटका देते हुए पार्टी के आईटी सेल से जुड़े 687 पेजों और अकाउंट्स को डिलीट कर दिया था। सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि अप्रमाणिक व्यवहार के चलते देश की मुख्य विपक्षी पार्टी से जुड़े इन पेजों को हटाया गया है। फेसबुक ने साफ किया है कि इन पन्नों को उनमें प्रकाशित सामग्री की बजाए उनके बिहेवियर यानी अप्रमाणिक जानकारी की वजह से हटाया गया है।