चुनाव आयोग ने संत रविदास की जयंती की वजह से पंजाब में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख़ को आगे बढ़ा दिया है। कई दलों ने इस सम्बन्ध में माँग की थी। पंजाब में अब 14 फरवरी, 2022 (सोमवार) की जगह 20 फरवरी, 2022 (रविवार) को मतदान होगा। राजनीतिक दलों का कहना था कि ‘रविदास जयंती’ होने के कारण मतदान की तारीख़ को आगे बढ़ा दिया जाए। पंजाब में एक ही चरण में विधानसभा का चुनाव होना है। उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में 14 फरवरी को ही मतदान होना है।
चुनाव आयोग ने सोमवार (17 जनवरी, 2022) को इस सम्बन्ध में एक बैठक के बाद इस फैसले के बारे में बताया। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के अलावा भाजपा और कैप्टन अमरिंदर सिंह की ‘पंजाब लोक कॉन्ग्रेस पार्टी’ के पत्र पर विचार-विमर्श किया गया। ‘रविदास जयंती’ 16 फरवरी, 2022 को है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी यही माँग की थी। ऐसे में राज्य का एक बड़ा वर्ग उस दिन वाराणसी की यात्रा करता है। इसीलिए, दलील दी जा रही थी कि उस दिन मतदान होने से ये लोग अपने मताधिकार के प्रयोग से वंचित रह सकते हैं।
राज्य में रविदासिया और रामदासी सिखों सहित अनुसूचित जाति की जनसंख्या एक तिहाई के करीब है और कहा जाता है कि वो सभी संत रविदास में अपनी श्रद्धा रखते हैं। वाराणसी में ही उनकी समाधि है, इसीलिए ये हर जयंती पर वहाँ दर्शन करने जाते हैं। ऐसे में मतदान के दिन लोग वहाँ के लिए निकल सकते थे, इसीलिए तारीख़ बढ़ा दी गई। अब जयंती के 4 दिन बाद मतदान होगा। पाँचों राज्यों के लिए मतगणना 10 मार्च को होगी। इससे पहले स्थानीय त्योहारों के कारण मिजोरम और झारखंड में भी मतदान की तारीखें बदली जा चुकी हैं।