तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त कराने की माँग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान जल्द आंदोलन खत्म करने के इरादे में नहीं हैं। भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार (7 दिसंबर,2021) को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे वर्ष 2024 से पहले आंदोलन खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं।
जब एक पत्रकार ने राकेश टिकैत से पूछा कि उनका कब तक आंदोलन जारी रखने का इरादा है तो उन्होंने कहा, “तीन साल चलेगा यह आंदोलन, 2024 तक जारी रहेगा।”
बता दें सोमवार को सरकार और किसान नेताओं के बीच सातवें दौर की बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकला था। सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों ने गुरुवार को ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान बीकेयू प्रमुख ने कहा कि आज का यह ‘ट्रैक्टर मार्च’ 26 जनवरी के ‘गणतंत्र दिवस परेड’ का ट्रेलर है।
न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी की तैयारी है। हमारा रूट यहाँ से डासना है, उसके बाद अलीगढ़ रोड पर हम रुकेंगे, फिर वहाँ से हम वापस गाज़ियाबाद आएँगे। केंद्र सरकार से हमारी अगली बातचीत कल (8 जनवरी, 2021) है।
Today, our tractor rally will go till Dasna, Aligarh road & then return to Ghazipur. This is a rehearsal for a similar rally on 26th Jan. Next round of talks with the Union Government will be held tomorrow: Rakesh Tikait, Spokesperson of Bharatiya Kisan Union, at Ghazipur border pic.twitter.com/TBU6BlzdDb
— ANI (@ANI) January 7, 2021
गौरतलब है कि राकेश टिकैत ने पिछले सप्ताह विपक्षी दलों से विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने और सड़कों को ब्लॉक करने का आग्रह किया था। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर सरकार बातचीत के दौरान तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तो किसान पूर्वी और पश्चिमी दोनों एक्सप्रेसवे को बंद कर देंगे।
बता दें यह दोनों एक्सप्रेसवे अब दिल्ली-एनसीआर से उत्तर भारत का एकमात्र मार्ग है, क्योंकि किसानों ने नेशनल हाइवे-44 पर सिंघु बॉर्डर को पहले से ब्लॉक कर रखा है जो कि पानीपत की ओर आने जाने का रास्ता है। साथ ही रोहतक, औचंदी, सफियाबाद, पियाओ मनियारी और सबोली की ओर जाने वाली एनएच-9 पर टिकरी बॉर्डर को भी प्रदर्शनकारियों ने ब्लॉक कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि इन कथित किसानों द्वारा अपनाए जा रहे तौर-तरीके एक दम वहीं हैं जो पिछले साल एंटी-सीएए प्रदर्शनकारियों द्वारा किया गया था। सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को रद्द नहीं करने पर उन्होंने दिल्ली में चक्का जाम करने की चेतावनी दी थी।