दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से भी अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद किसान अब अपने घर लौटने की ओर लौटने लगे हैं। प्रदर्शनकारी अपने सारे तंबू उखाड़ लिए और अपना सामान बाँधकर ट्रकों पर लाद कर ले जा रहे हैं। सिंघु बॉर्डर पर बनाया गया करीब 40 फुट चौड़ा और 100 फुट लंबा किसान मोर्चा का पंडाल भी हटा लिया गया है। शुक्रवार (10 दिसंबर 2021) शाम तक करीब 40 फीसदी किसान अपने घरों के लिए रवाना हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कहा था कि वे शनिवार (11 दिसंबर 2021) सुबह तक प्रदर्शन स्थल खाली कर देंगे।
Delhi: Farmers start removing their settlements from the Tikri Border, after the suspension of their year-long protest against the 3 farm laws & other related issues pic.twitter.com/4n0qZe1s3D
— ANI (@ANI) December 11, 2021
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने शनिवार (11 दिसंबर) को कहा कि किसानों का एक बड़ा समूह कल सुबह आठ बजे यह क्षेत्र खाली कर देगा। उन्होंने कहा, “आज की बैठक में हम बात करेंगे, प्रार्थना करेंगे। इसके साथ ही उन लोगों से मिलेंगे, जिन्होंने हमारी मदद की। हमारे किसान भाइयों ने घर वापसी शुरू कर दी है। इसमें चार से पाँच दिन लगेंगे। मैं यहाँ से 15 दिसंबर को निकलूँगा।”
A large group of farmers shall vacate the area at 8 AM tomorrow. In today’s meeting, we’ll talk, pray, & meet the people who helped us. People have started vacating already, it’ll take 4-5 days. I will leave on 15th December: BKU leader Rakesh Tikait at Ghazipur Border pic.twitter.com/FG4Zhz4S9e
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
केंद्र से सहमति बनने के बाद कई किसान पहले ही प्रदर्शन स्थल खाली कर चुके हैं। सिंघु बॉर्डर पर लगे बड़े-बड़े पंडाल को खोलने के लिए कटर मशीन का इस्तेमाल करते हुए किसानों को देखा गया। शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के मुख्य मंच पर लगे बड़े-बड़े होर्डिंग बैनर और सामान को हटाने का काम कर रहे जगतार सिंह ने बताया कि मोर्चा फतह करने के बाद कल जाना या आज कोई फर्क नहीं पड़ता।
Protesting farmers take down their tents at Ghazipur border (Delhi-UP border) as they prepare to return to their homes following the announcement of the suspension of their year-long protest. pic.twitter.com/mSAWOc2WOz
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
बता दें कि किसान आंदोलन के लगभग एक साल बाद गुरु पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों नए कृषि कानून वापस लेने का फैसला लिया था। दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने शुक्रवार को कहा, “हमने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया है। हम 15 जनवरी को समीक्षा बैठक करेंगे। अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है, तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं।”